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हरियाणा में इसबार मानसून की बेरुखी ने बढ़ाई परेशानी, इन 16 जिलों में कम बारिश से हालात हुए ज्यादा खराब

इस साल हरियाणा में मानसून की आमद में देरी और बरसात की कमी ने किसानों और आम जनता की चिंताएं बढ़ा दी हैं। जहां एक ओर जून महीने में मानसून की सक्रियता होनी चाहिए थी
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इस साल हरियाणा में मानसून की आमद में देरी और बरसात की कमी ने किसानों और आम जनता की चिंताएं बढ़ा दी हैं। जहां एक ओर जून महीने में मानसून की सक्रियता होनी चाहिए थी, वहीं अब तक प्रदेश में केवल 25% बारिश ही रिकॉर्ड की गई है। सामान्यतः, जून से जुलाई के बीच हरियाणा में 184.9 मिलीमीटर बरसात होती है लेकिन इस वर्ष केवल 113.4 मिलीमीटर ही बरसात हुई है।

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प्रभावित क्षेत्र और आंकड़े

विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां खेती प्रमुख आय का स्रोत है वहां बरसात की कमी से जल स्तर में गिरावट और सिंचाई की समस्याएं बढ़ गई हैं। इस बीच जुलाई के महीने में भी 35% कम वर्षा देखने को मिली है जिससे खरीफ की फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है।

बारिश का हाल

हरियाणा के विभिन्न जिलों में बारिश का वितरण असमान रहा है। पानीपत में 23.6 मिलीमीटर, करनाल में 13.4 मिलीमीटर, और सोनीपत में सबसे ज्यादा 35 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं, पलवल और रोहतक जैसे शहरों में बारिश का स्तर बहुत ही कम रहा। यह भिन्नता मानसूनी पैटर्न में अनियमितता को दर्शाती है।

मौसम विभाग की भविष्यवाणियां

अगस्त के पहले हफ्ते में बरसात के बढ़ने की संभावना है, जो कि कुछ हद तक वर्तमान में जल संकट को कम कर सकती है। मौसम विभाग ने कालका, पंचकूला, और नारायणगढ़ में यलो अलर्ट जारी किया है, जिससे लोगों को संभावित मध्यम से तेज बारिश के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।

कृषि विशेषज्ञों की राय

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, 27 से 30 जुलाई के दौरान राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इससे किसानों को कुछ राहत मिल सकती है, हालांकि तेज हवाओं के चलने से दिन का तापमान गिरने की भी संभावना है।