इस खास चीज के लिए मुगल बादशाह रखते थे अनेकों रानियां, अकबर की थी 300 पत्नियां
मुगल साम्राज्य भारतीय इतिहास के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली राजवंशों में से एक अपनी अद्भुत सांस्कृतिक विरासत, वास्तुकला और विस्तारित शासनकाल के लिए जाना जाता है। इस साम्राज्य की शुरुआत बाबर से हुई थी जिसने विभिन्न प्रकार की परंपराओं और रीति-रिवाजों की नींव रखी जिसमें से एक थी अनेक विवाह करने की प्रथा।
बाबर और हुमायूँ
बाबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक ने नौ पत्नियों के साथ अपनी जिंदगी बिताई। यह प्रथा उनके पुत्र हुमायूँ द्वारा भी अपनाई गई जिनकी कई पत्नियाँ थीं। हुमायूँ की प्रथम पत्नी बेगा बेगम थीं जिनसे उनकी शादी कम उम्र में हुई थी। इसके बाद उन्होंने अनेकों विवाह किए।
अकबर के विवाह
अकबर को मुगल साम्राज्य के अन्य बादशाहों की तुलना में बेहतर माना जाता है, खासकर उनकी विवाह संबंधी नीतियों के लिए। उनकी 300 पत्नियाँ थीं, जिनमें से केवल 35 को राजसी अधिकार प्राप्त थे। जोधाबाई, अजमेर के राजपूत शासक राजा भारमल की बेटी, उनकी सबसे प्रसिद्ध पत्नी थीं, जिन्हें मरियम-उज़-ज़मानी के नाम से भी जाना जाता है। उनके विवाह ने विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच सौहार्द स्थापित करने में मदद की।
मिर्जा नासिर-उद-दीन मुहम्मद शाह
13वें मुगल सम्राट मुहम्मद शाह की चार पत्नियाँ थीं। उनकी पहली पत्नी राजकुमारी बादशाह बेगम, उनकी चचेरी बहन थीं, जिन्हें मलिका-उज़-ज़मानी की उपाधि प्राप्त थी। उनकी मृत्यु के बाद, मुहम्मद शाह ने साहिबा महल से विवाह किया। उनकी तीसरी पत्नी उधम बाई थी, जो एक नर्तकी थी।
विवाह परंपरा और सामाजिक प्रभाव
मुगल सम्राटों द्वारा अनेक विवाह करने की परंपरा ने न केवल राजनीतिक और सामाजिक गठजोड़ों को मजबूत किया, बल्कि सांस्कृतिक विविधता और सहिष्णुता के विकास में भी मदद की। इन विवाहों के माध्यम से स्थापित संबंधों ने मुगल साम्राज्य को एक समृद्ध और विविध सांस्कृतिक परिदृश्य प्रदान किया।