मुगल हरम की जानकारी

मुगल हरम जहां महिलाएं अपनी जिंदगी बाहरी दुनिया से कटकर बिताती थीं, एक बंद दुनिया थी।

जिंदगी की चार दीवारें

हरम की महिलाओं को अपना पूरा जीवन उसी चारदीवारी में गुजारना पड़ता था जो उनकी किस्मत में लिखा गया था।

राजा को रिझाने की कला

बादशाह का दिल जीतने के लिए हरम की महिलाएं अनेक तरह के हुनर और युक्तियाँ अपनाती थीं।

हरम का इतिहास

मुगल हरम की नींव बाबर के समय में पड़ी थी, पर अकबर के दौर में यहां 5000 से ज्यादा महिलाएं थीं।

गुप्त रास्तों का सफर

बादशाह अपनी पसंद की बेगम के पास गुप्त रास्तों से बिना किसी को जानकारी दिए पहुंचते थे।

रात्रि सेवा

हरम की महिलाएं रात भर बादशाह की सेवा में लगी रहती थीं जिसका अगले दिन उनके हाथ-पैरों पर असर पड़ता था।

हुकूमत की चाह

"हरम की महिलाओं का मकसद सिर्फ एक होता था - राजा का दिल जीतकर हरम पर अपना राज चलाना।"

राजनीति की जासूसी

हरम में बादशाह अपने गुप्तचर भी रखते थे ताकि हरम की आंतरिक राजनीति की खबर उन तक पहुंच सके।