Mughal Harem: मुगल हरम में जाने के नाम से भी खौफ खाती थी महिलाएं, रात के अंधेरे में करना होता था ये काम
Mughal Harem: मुगल सम्राटों ने भारत में लंबे समय तक राज किया और उनकी शान-शौकत के किस्से आज भी प्रचलित हैं. पुराने इतिहासकारों ने अपनी किताबों में मुगलों की ऐशो-आराम वाली जिंदगी के विविध पहलुओं को उजागर किया है. इस जीवनशैली में रंग-रागिनी, संगीत, और विभिन्न कला रूपों का समावेश था जो उनके समय की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है.
हरम
मुगल हरम जो शाही महलों का एक अहम हिस्सा था मुगल बादशाहों की रानियों और दासियों का निवास स्थान होता था. यहां मुगल बादशाह अपने खाली समय में विलासितापूर्ण जीवन में लिप्त रहते थे. हरम न केवल ऐश्वर्य और वैभव का प्रतीक था बल्कि यहां की जीवन शैली भी बेहद आलीशान थी.
बाबर के समय से हरम की शुरुआत
इतिहासकारों के अनुसार मुगल हरम की शुरुआत बाबर के शासनकाल में हुई थी. इसका मुख्य उद्देश्य राजसी मनोरंजन के लिए एक स्थान था. धीरे-धीरे यह स्थान मुगल सम्राटों के लिए ऐशो-आराम का प्रमुख स्थान बन गया.
महल का खौफनाक हिस्सा
मुगल महल का एक हिस्सा ऐसा भी था जहां जाने से रानियां और दासियां कतराती थीं. यह हिस्सा महल के पिछले भाग में स्थित था जिसमें अंधेरे कमरे होते थे. इन कमरों का उपयोग उन महिलाओं के लिए किया जाता था जो बीमार पड़ जातीं या जिन्हें बादशाह का विशेष ध्यान आकर्षित करने की सजा दी जाती थी. यहां तक कि इस जगह पर किसी को मृत्युदंड दिया जाता था तो उसे भी यहीं दफनाया जाता था.
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