National Highway: कभी सोचा है कि नैशनल हाइवे का नाम कैसे रखा जाता है, होशियार लोग भी नही जानते ये कमाल की जानकारी
भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग देश की विशाल और जटिल परिवहन प्रणाली की लाइफलाइन के रूप में काम करते हैं। ये राजमार्ग न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों को जोड़ता है बल्कि इसका प्रत्येक राजमार्ग भारत की भौगोलिक और सांस्कृतिक भिन्नता की एक कहानी कहता है।
भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग देश की विशाल और जटिल परिवहन प्रणाली की लाइफलाइन के रूप में काम करते हैं। ये राजमार्ग न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों को जोड़ता है बल्कि इसका प्रत्येक राजमार्ग भारत की भौगोलिक और सांस्कृतिक भिन्नता की एक कहानी कहता है।
नंबरिंग की खास प्रणाली
राष्ट्रीय राजमार्गों की नंबरिंग एक तार्किक और व्यवस्थित प्रणाली पर आधारित है। इस प्रणाली को समझना इस विशाल सड़क नेटवर्क के पीछे की योजनाओं और उद्देश्यों को जानने की कुंजी है।
उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम मार्ग
उत्तर से दक्षिण की ओर जाने वाले राजमार्गों को सम संख्या दी गई है जो पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए उपर की ओर जाती हैं। वहीं पूर्व से पश्चिम की ओर जाने वाले राजमार्ग विषम संख्याओं के साथ दिखाई देते हैं जो उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ते हुए संरेखित होते हैं।
सहायक राजमार्गों की भूमिका
तीन अंकों वाली संख्या वाले राजमार्ग सहायक राजमार्ग कहलाते हैं और ये अपने मूल राष्ट्रीय राजमार्गों से निकली विभिन्न शाखाएं होती हैं। ये सहायक मार्ग मुख्य राजमार्गों से जुड़े हुए हैं और उनकी दिशात्मक अभिविन्यास को दर्शाते हैं।
भौगोलिक संरचना और उसका महत्व
इस नंबरिंग सिस्टम के माध्यम से एनएचएआई ने एक ऐसी भौगोलिक जुगलबंदी को अंजाम दिया है जो न केवल भारत की विशालता और विविधता को दर्शाता है बल्कि यात्रियों और माल ढुलाई करने वालों को एक सुव्यवस्थित और कुशल यात्रा अनुभव मिलता है।
सड़क परिवहन की जटिलता और उसकी सुविधा
इस नंबरिंग प्रणाली के पीछे का विचार यह है कि यात्री और माल वाहक, भारत के किसी भी कोने में हों, उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए सबसे उपयुक्त और कुशल मार्ग का चयन करने में मदद मिल सके।