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National Highway: नए हाइवे का नम्बर डिसाइड करने के लिए इस्तेमाल होता है ये खास तरीका, हाइवे के लिए केवल 3 डिजिट नंबर का ही क्यों होता है इस्तेमाल

नेशनल हाइवे (National Highways) भारत के विकास के पथ प्रदर्शक हैं। चिकनी सड़कें (Smooth Roads) और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था इन्हें विशेष बनाती हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) इनके निर्माण...
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Know how every highway is identified
   

नेशनल हाइवे (National Highways) भारत के विकास के पथ प्रदर्शक हैं। चिकनी सड़कें (Smooth Roads) और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था इन्हें विशेष बनाती हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) इनके निर्माण और रखरखाव का कार्यभार संभालता है।

भारत के नेशनल हाइवे (National Highways) न केवल यातायात के सुगम साधन हैं, बल्कि देश के विकास के महत्वपूर्ण स्तंभ भी हैं। इनका निर्माण, रखरखाव और संख्या तय करने की व्यवस्था देश की उन्नति की दिशा में एक कदम है।

नेशनल हाइवे की विशेषताएं 

आमतौर पर एक नेशनल हाईवे की चौड़ाई 7 से 15 मीटर तक होती है। ये मुख्य सड़कें देश के विभिन्न राज्यों और प्रमुख शहरों को जोड़ती हैं और देश के विकास में अहम भूमिका निभाती हैं।

नेशनल हाइवे के नंबर डिसाइड करने का पैटर्न 

नेशनल हाइवे की पहचान उनके नंबर (Numbers) से होती है। उत्तर से दक्षिण दिशा में जाने वाले हाइवे की संख्या ईवन होती है, जबकि पूर्व से पश्चिम दिशा में जाने वाले हाइवे की संख्या ऑड होती है। यह व्यवस्था यात्रा को आसान और सुव्यवस्थित बनाती है।

तीन अंकों के नंबर वाले हाइवे का मतलब 

तीन अंकों की संख्या वाले हाइवे मुख्य हाइवे की सपोर्टिंग ब्रांच (Supporting Branch) होती हैं। यह व्यवस्था सड़क नेटवर्क को और अधिक कुशल बनाती है।

भारत का विश्व में दूसरा स्थान 

विश्व में भारत का हाईवे नेटवर्क (Highway Network) दूसरे नंबर पर है। भारत में लगभग 600 नेशनल हाइवे हैं, जो देश की आर्थिक और सामाजिक उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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