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इस बड़े एक्सप्रेसवे पर 4 महीनों के बाद भी शुरू नही हुआ नया टोल टैक्स सिस्टम, इस कारण अटका पड़ा है काम

देश के पहले एलिवेटेड एक्सप्रेसवे ने वाहन चालकों के लिए दिल्ली तक पहुंचना आसान बना दिया है। इस 29 किलोमीटर लंबे मार्ग का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चार महीने पहले किया गया था।
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देश के पहले एलिवेटेड एक्सप्रेसवे ने वाहन चालकों के लिए दिल्ली तक पहुंचना आसान बना दिया है। इस 29 किलोमीटर लंबे मार्ग का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चार महीने पहले किया गया था। यह एक्सप्रेसवे न केवल दिल्ली को जल्दी पहुँचाने का एक अन्य मार्ग है बल्कि इससे यात्रा का समय भी काफी कम हो जाता है।

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जीएनएसएस टोल संग्रह प्रणाली का परिचय

हाल ही में इस एक्सप्रेसवे पर ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-आधारित जीएनएसएस टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने की योजना बनाई गई है। यह प्रणाली वर्तमान में कर्नाटक के बेंगलुरु-मैसूर राजमार्ग 275 और हरियाणा के पानीपत-हिसार राजमार्ग 709 पर परीक्षण के तौर पर लागू की गई है। इस सिस्टम के द्वारा टोल शुल्क स्वचालित रूप से वाहनों से वसूला जा सकेगा, जिससे टोल बूथ पर वाहनों की भीड़ कम होगी।

टोल संग्रह सीस्टम का असर और फायदा

जीएनएसएस टोल संग्रह प्रणाली के लागू होने से ट्रैफिक में सुधार होगा और यात्रा समय में कमी आएगी। इस प्रणाली से न केवल टोल संग्रह की प्रक्रिया में सुधार होगा बल्कि यह पर्यावरणीय दृष्टि से भी लाभकारी सिद्ध होगा क्योंकि टोल प्लाजा पर वाहनों की प्रतीक्षा समाप्त हो जाएगी जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।

आगे की राह

वर्तमान में, इस प्रणाली के पूर्ण रूप से कार्यान्वित होने की प्रतीक्षा है। इसकी अधिसूचना और अनुमोदन प्रक्रिया अभी जारी है और इसे अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। इस प्रणाली की सफलता से न केवल यह एक्सप्रेसवे बल्कि देश के अन्य मार्गों पर भी इसे लागू करने की संभावना बढ़ जाएगी।

दिल्ली के लिए नई सुविधाएँ

इस एक्सप्रेसवे के संचालन से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन चालकों के लिए यात्रा का समय कम हो गया है। पहले जहां यात्रा में अधिक समय लगता था, वहीं अब वह मात्र 20 मिनट में पूरी हो जाती है। यह सुविधा न केवल समय की बचत करती है बल्कि यात्रा को अधिक सुखद बनाती है।