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इस ट्रेन में सफर करने के लिए नही लेना पड़ता कोई टिकट, पिछले 75 सालों से लोग मुफ्त में करते आ रहे है सफर

भारतीय रेलवे जो कि दुनिया के सबसे विशाल रेल नेटवर्क्स में से एक है, हर दिन लाखों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुँचाता है। इसके नियम और शर्तें सख्त हैं और बिना टिकट के यात्रा करना कानूनी रूप से दंडनीय अपराध है।
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भारतीय रेलवे जो कि दुनिया के सबसे विशाल रेल नेटवर्क्स में से एक है, हर दिन लाखों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुँचाता है। इसके नियम और शर्तें सख्त हैं और बिना टिकट के यात्रा करना कानूनी रूप से दंडनीय अपराध है। मगर भारत के दिल में एक ऐसी ट्रेन है जिसके सफर के लिए न तो टिकट की जरूरत है और न ही टिकट चेक करने वाला कोई टीटीई आइए जानते हैं इस अनोखी ट्रेन भाखड़ा-नंगल ट्रेन के बारे में।

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भाखड़ा-नंगल ट्रेन

भाखड़ा-नंगल ट्रेन नंगल से भाखड़ा बांध तक का 13 किलोमीटर लंबा सफर तय करती है। इस सफर में आपको शिवालिक की पहाड़ियों की अद्भुत सुंदरता और प्राकृतिक विरासत का अनुभव होता है। इस ट्रेन की सबसे विशेष बात यह है कि इसमें यात्रा के लिए आपको कोई टिकट नहीं खरीदनी पड़ती, और न ही कोई टिकट चेक करने वाला होता है।

मालिकाना हक और इतिहास

इस ट्रेन का मालिकाना हक भारतीय रेलवे के पास न होकर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के पास है। यह ट्रेन मुख्य रूप से डैम से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके कामकाजी स्थल तक पहुंचाने के लिए चलाई जाती है परंतु आम जनता भी इस ट्रेन में बिना किसी शुल्क के यात्रा कर सकती है।

ट्रेन की खासियत और आकर्षण

ट्रेन का सफर शिवालिक की खूबसूरती को दर्शाता है और सतलुज नदी को पार करते हुए चलती है, जिसके चलते यह न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन चुकी है। इस ट्रेन को बॉलीवुड की फिल्मों में भी दिखाया गया है, जिससे इसकी लोकप्रियता में और वृद्धि हुई है।

ट्रेन का ऐतिहासिक महत्व

1948 में शुरू हुई यह रेल सेवा नांगल और भाखड़ा के बीच संचार का एकमात्र साधन थी। इस ट्रेन ने न केवल क्षेत्र के विकास में योगदान दिया बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन को भी सरल बनाया। आज भी यह ट्रेन अपनी पारंपरिक विरासत को संजोए हुए है।