हरियाणा या पंजाब नही बल्कि इस राज्य में होता है सबसे ज्यादा गेंहु का उत्पादन, नाम सुनकर तो आपको भी नही होगा भरोसा
भारत, जो कि विश्व के प्रमुख गेहूं (Wheat) उत्पादक देशों में चौथे स्थान पर है, अपनी विविध जलवायु (Climate) और उपजाऊ मिट्टी (Fertile Soil) के चलते अनेक फसलों के लिए उपयुक्त है। धान (Rice) के बाद गेहूं, भारत में दूसरी सबसे प्रमुख फसल है, जिसकी खपत मुख्य रूप से उत्तर (North) और उत्तर-पश्चिम (North-West) राज्यों में होती है।
ये राज्य न केवल अपने निवासियों को आजीविका (Livelihood) प्रदान करते है बल्कि देश के खाद्य भंडार (Food Reserves) में भी योगदान देते है। इन राज्यों की यह उपलब्धि भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक मिसाल है और इसे और अधिक संवर्धित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
ये राज्य गेहूं के उत्पादन में सबसे आगे
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), भारत का वह राज्य है जो गेहूं के उत्पादन में सबसे आगे है। उत्तर प्रदेश का गेहूं उत्पादन भारतीय कृषि (Indian Agriculture) की समृद्धि और विविधता का प्रतीक है। यह राज्य देश के कुल गेहूं उत्पादन का 32.42 प्रतिशत (Percentage) हिस्सा अपने नाम करता है। उत्तर प्रदेश की इस उपलब्धि के पीछे इसकी जलवायु, मिट्टी की उर्वरता (Fertility) और गंगा (Ganga) तथा यमुना (Yamuna) जैसी नदियों की समृद्धि है।
जलवायु और मिट्टी उत्पादन के लिए आदर्श
उत्तर प्रदेश की जलवायु और मिट्टी, गेहूं की खेती के लिए अत्यंत उपयुक्त है। गंगा और यमुना नदियों के पानी से सिंचित खेत (Irrigated Fields) उच्च गुणवत्ता के गेहूं के उत्पादन में सहायक होते हैं।
विश्व में गेहूं उत्पादन की स्थिति
दुनियाभर में गेहूं का उत्पादन करने वाले प्रमुख देशों में रूस (Russia) पहले स्थान पर है, जिसके बाद अमेरिका (USA) और चीन (China) का नाम आता है। इस प्रतिस्पर्धा में भारत (India) चौथे स्थान पर है, जो विश्व खाद्य बाजार (World Food Market) में इसके महत्व को दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश की गेहूं उत्पादन में भूमिका
उत्तर प्रदेश के गेहूं उत्पादन में योगदान न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह राज्य न केवल अपने नागरिकों की खाद्य सुरक्षा (Food Security) सुनिश्चित करता है बल्कि भारतीय कृषि उत्पादन (Agricultural Production) में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।