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भारत में इन चुनिंदा जगहों पर छापे जाते है नोट, बहुत कम लोग ही जानते है जगहों के नाम

भारत (India), एक विविधतापूर्ण देश जहां प्राचीन परंपराएँ (Traditions) और आधुनिक तकनीक (Modern technology) साथ-साथ चलती हैं वहाँ नोटों की छपाई भी एक खास प्रक्रिया (Specific process) का हिस्सा है।
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भारत (India), एक विविधतापूर्ण देश जहां प्राचीन परंपराएँ (Traditions) और आधुनिक तकनीक (Modern technology) साथ-साथ चलती हैं वहाँ नोटों की छपाई भी एक खास प्रक्रिया (Specific process) का हिस्सा है। देशभर में केवल चार स्थानों पर नोट छापे जाते हैं जो कि साल्बोनी (Salboni), मैसूर (Mysore), नासिक (Nasik), और देवास (Dewas) हैं। इन स्थानों पर नोटों की छपाई के लिए एक खास तरह के कागज (Special paper) का उपयोग होता है जो कि विशेष रूप से विदेशों से मंगवाया जाता है।

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डिजिटल भुगतान के युग में भी नोटों की अहमियत

यूपीआई (UPI) और डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) जैसी सुविधाओं के बावजूद भारतीय बैंकों (Indian Banks) में आज भी लोगों की भीड़ (Crowd) देखने को मिलती है। चाहे वह पैसे निकालने (Withdraw money) जमा करने (Deposit money) या फिर अन्य बैंकिंग संबंधी काम (Banking transactions) हों, लोग आज भी पारंपरिक बैंकिंग (Traditional banking) का रुख करते हैं।

नोटबंदी के समय बैंकों में बढ़ी भीड़

कुछ वर्षों पहले, जब अचानक नोटबंदी (Demonetization) की घोषणा की गई तो देशभर के बैंकों में अपार भीड़ देखने को मिली। इस दौरान लोगों ने अपने पुराने नोटों (Old notes) को बदलने की प्रक्रिया में भाग लिया। इस घटना ने न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) में एक बड़ा बदलाव लाया बल्कि लोगों के दैनिक जीवन में भी उथल-पुथल (Temporary turmoil) आ गई थी ।

नोट छापने की विशेषता

जिन नोटों का हम दैनिक जीवन (Daily life) में उपयोग करते हैं उनकी छपाई के पीछे एक विशेष विज्ञान (Special science) है। नोटों की छपाई के लिए जिस खास कागज का उपयोग होता है उसे आम जनता (General public) द्वारा खरीदा नहीं जा सकता है। यह कागज विशेष रूप से विदेशों से मंगवाया जाता है और इसमें कई तरह की सुरक्षा विशेषताएँ (Security features) होती हैं जो नोटों की नकली छपाई (Counterfeiting) को रोकती हैं।