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अब इन लोगों को सरकार देगी दाल, तेल और चीनी, सरकार ने तैयार किया पूरा प्लान

कर्नाटक सरकार अन्न भाग्य योजना के तहत लाभार्थियों को अब 5 किलो चावल के साथ अन्य खाद्य सामग्री देने का विचार कर रही है. यह पहल लाभार्थियों की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए की गई है.
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भारतीय बाजार में मारुति सुजुकी अपनी सेडान कारों के साथ सबसे आगे है. जुलाई 2024 में, मारुति सुजुकी डिजायर ने सबसे अधिक बिक्री दर्ज की, जबकि सियाज की बिक्री में गिरावट आई. आइए डिजायर और सियाज की विशेषताओं और बाजार प्रदर्शन का विस्तार से विश्लेषण करें.  मारुति सुजुकी की बिक्री में नई ऊँचाईयाँ   जुलाई 2024 में, मारुति सुजुकी डिजायर ने भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा बिक्री की. हालांकि 13.05 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट देखी गई, लेकिन फिर भी इसने 11,647 यूनिट्स की बिक्री के साथ टॉप पोजीशन हासिल की. यह दर्शाता है कि भारतीय उपभोक्ताओं में सेडान सेगमेंट के प्रति एक मजबूत रुझान बना हुआ है.  मारुति सुजुकी सियाज की बिक्री में गिरावट  दूसरी ओर, मारुति सुजुकी सियाज ने इसी अवधि में केवल 603 यूनिट्स की बिक्री की, जो कि पिछले साल की तुलना में 55.27 प्रतिशत कम है. यह गिरावट सियाज के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय की ओर इशारा करती है, खासकर जब उपभोक्ता अधिक उन्नत सुविधाओं और तकनीकी के साथ नए मॉडलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं.  सियाज के पावरट्रेन और फीचर्स  मारुति सुजुकी सियाज में 1.5-लीटर का पेट्रोल इंजन है जो 105bhp की पावर और 138Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है. इसमें माइल्ड हाइब्रिड टेक्नोलॉजी भी शामिल है, जो ईंधन दक्षता और प्रदर्शन में सुधार करती है. सियाज मैनुअल और ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन विकल्पों के साथ उपलब्ध है, जिससे यह विभिन्न प्रकार के ड्राइवरों के लिए आकर्षक बनता है.  भारतीय बाजार में सियाज की स्थिति  भारतीय बाजार में सियाज का मुकाबला होंडा सिटी, हुंडई वरना और स्कोडा स्लाविया जैसी कारों से होता है. इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 9.40 लाख रुपये है, जो टॉप मॉडल के लिए 12.29 लाख रुपये तक जाती है. सियाज अपने विशाल इंटीरियर और आधुनिक सुविधाओं के साथ उपभोक्ताओं को एक प्रीमियम अनुभव प्रदान करती है.
   

Anna Bhagya Yojana:  कर्नाटक सरकार अन्न भाग्य योजना के तहत लाभार्थियों को अब 5 किलो चावल के साथ अन्य खाद्य सामग्री देने का विचार कर रही है. यह पहल लाभार्थियों की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए की गई है.

अन्न भाग्य योजना

कर्नाटक सरकार ने अन्न भाग्य योजना के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है. पहले जहां प्रत्येक लाभार्थी को 10 किलो चावल देने का वादा किया गया था वहां अब सरकार ने 5 किलो चावल के साथ दाल, तेल, चीनी और अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री देने की योजना बनाई है. यह निर्णय लाभार्थियों की वर्तमान जरूरतों और पसंद को देखते हुए किया गया है.

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लाभार्थियों की पसंद और सर्वेक्षण के नतीजे

हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार 93% लाभार्थियों ने अतिरिक्त 5 किलो चावल के बजाय अन्य खाद्य सामग्री लेने में रुचि दिखाई है. यह बदलाव न केवल उनके आहार को संतुलित बनाएगा बल्कि उनकी जरूरतों को भी पूरा करेगा.

राज्य सरकार की योजनाएं

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री केएच मुनियप्पा के अनुसार सरकार जल्द ही इस बारे में फैसला लेने जा रही है. मंत्री ने हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी से मुलाकात की और योजना के लिए चावल की मांग की.

चावल की खरीद और वितरण नीति

राज्य सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड से 28 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल खरीदने की पेशकश स्वीकार की है. यह दर पहले की तुलना में कम है और इससे सरकार को अपनी योजना के अंतर्गत और अधिक लाभार्थियों तक पहुँचने में मदद मिलेगी.