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एक बार चलने के बाद हफ्ते बाद मंजिल तक पहुंचती है ये ट्रेन, 142 स्टेशन और 87 शहर से होकर गुजरती है ट्रेन

क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी ट्रेन भी है जिसका सफर आपको सप्ताहभर ट्रेन में गुजारने पर मजबूर कर देगा?
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एक बार चलने के बाद हफ्ते बाद मंजिल तक पहुंचती है ये ट्रेन
   

world longest train: क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी ट्रेन भी है जिसका सफर आपको सप्ताहभर ट्रेन में गुजारने पर मजबूर कर देगा? यह ट्रेन दुनिया की सबसे लंबी यात्रा करने वाली ट्रेन है जो अपने सोर्स स्टेशन से डेस्टिनेशन तक पहुंचने में पूरे एक हफ्ते का समय लेती है.

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ट्रांस-साइबेरियन रेलवे

दुनिया के सबसे लंबे रेल सफर का ताज ट्रांस-साइबेरियन रेलवे (Trans-Siberian Railway) के सिर सजता है. यह रेलवे लाइन रूस की राजधानी मॉस्को से शुरू होकर पूर्वी शहर व्लॉडीवोस्तोक तक जाती है, जिसे पूरा करने में कुल सात दिन लगते हैं. इस सफर में यात्री विशाल रूसी परिदृश्य (vast Russian landscape) का अनुभव कर सकते हैं.

9000 किमी की लंबाई वाला रेल मार्ग 

ट्रांस-साइबेरियन रेलवे का रूट करीब 9259 किमी लंबा है जो कि विश्व में अपनी तरह का सबसे लंबा रेल रूट (longest rail route) है. यहां तक कि भारत की वंदे भारत और चीन की मैग्लेव ट्रेन जैसी तेज गति वाली ट्रेनें भी इस दूरी को तय करने में कई घंटे लगा देती हैं.

एक सफर जो 142 स्टेशनों से होकर गुजरता है 

इस लंबी यात्रा में ट्रेन को 142 रेलवे स्टेशनों (railway stations) से गुजरना पड़ता है. ये ट्रेन मॉस्को से शुरू होकर 87 शहरों के माध्यम से व्लॉडीवोस्तोक तक जाती है जिसमें यह रूस के विभिन्न टाइम जोन्स को भी पार करती है.

विश्व के अन्य लंबे रेल मार्ग

दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रेल मार्ग कनाडा में है जो टोरंटो से वैंकूवर तक जाता है और इसकी लंबाई 4466 किमी है. तीसरे स्थान पर चीन का शंघाई से ल्हासा तक जाने वाला रेल मार्ग है, जिसकी लंबाई 4373 किमी है. चौथे और पांचवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया का सिडनी से पर्थ तक का रेल मार्ग और भारत का विवेक एक्सप्रेस है जो कन्याकुमारी से धार्मिक राजधानी धारमशाला तक जाती है.