Onion Farming: प्याज की खेती करने वाले किसान इन बातों का रखे खास ध्यान, होगी बंपर पैदावार
महाराष्ट्र देश में प्याज की सबसे बड़ी खेती है। भारत इन दिनों प्याज उत्पादन में चीन को पछाड़कर पहला स्थान पर है। प्याज की खेती कभी-कभी घाटे का सौदा भी बन जाती है क्योंकि कई गलतियां होती हैं। वहीं, कभी-कभी विपरीत मौसम भी प्याज की खेती को बर्बाद करता है। देश में प्याज की अधिकांश खेती रबी और खरीफ सीजन में की जाती है।
भंडारण किया जाता है कुछ प्रकार का प्याज। साथ ही, किसान को भंडारण के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो प्याज खराब हो जाएगी। प्याज एवं लहसुन अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ। एजे गुप्ता ने कहा कि प्याज की फसल किसानों को लाभदायक है। सही खेती से प्रति एकड़ 70 से 80 हजार रुपये का लाभ मिलता है।
किसान प्याज की खेती कब करें?
रबी और खरीफ के सीजन में प्याज की खेती की जाती है। इसकी बुआई अक्टूबर-नवंबर में रबी के सीजन में होती है, और दिसंबर से नई प्याज आना शुरू हो जाता है। प्याज की नर्सरी को अगस्त से सितंबर तक लगाना सबसे अच्छा समय है।
प्याज बोने से पहले खेत को अच्छी तरह से जुताई करके उसे भुरभुरा बना ले; मिट्टी जितनी भुरभुरी होगी, उतनी ही अच्छी और मोटी प्याज निकलेगी। प्याज की नर्सरी लगाने से पहले बीज अच्छी प्रजाति का होना चाहिए।
इसके लिए कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से परामर्श लें। वहीं, प्याज और लहसुन अनुसंधान संस्थान से बीज ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। प्रति हेक्टेयर लगभग 10 किलो बीज की आवश्यकता होती है।
इन गलती से प्याज खराब हो जाता है
किसानों को अक्सर नुकसान होता है जब वे प्याज की खेती करते हैं। प्याज और लहसुन अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ। एजे गुप्ता ने किसानों को बताया कि 15 दिन पहले ही सिचाई बंद कर देनी चाहिए। किसान बार-बार गलतियाँ करते हैं, जिससे प्याज सड़ने लगता है।
उनका कहना था कि प्याज की जिन किस्मों को स्टोर किया जाता है, उसके लिए किसानों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। यही कारण है कि प्याज की कटाई करने के बाद उसे तीन दिन तक खेत में रखा जाना चाहिए ताकि कंद पत्तियों से ढक जाए।
फिर प्याज को घर पर भी 15 दिन से अधिक समय तक छाया में सुखाना चाहिए। प्याज के कन्द से कुछ कटाई करनी चाहिए। इससे प्याज में फंगस नहीं होगा, जिससे यह चलते हुए लंबे समय तक भंडारण के लिए तैयार रहता है।
अच्छी पैदावार से ही बड़ा मुनाफा मिलेगा
प्याज की खेती करने के लिए किसानों को अच्छे बीज का चयन करना काफी जरूरी होता है। प्याज की फसल 140-150 दिन के भीतर तैयार हो जाती है। वहीं अब कई ऐसी वैरायटी भी मौजूद है जो 120 दिन में भी तैयार हो जाती है।
महाराष्ट्र में किसानों के द्वारा साल में तीन बार प्याज को उगाया जाता है। सामान्यतः एक हेक्टेयर में प्याज 250 से 300 क्विंटल तक पैदावार होती है। वही रबी की सीजन में अधिक पैदावार होती है जबकि खरीफ में 20 से फ़ीसदी तक पैदावार कम हो जाती है।