इस गांव में बच्चों को घर के बाहर खेलने नही देते पेरेंट्स, जाने बच्चों के साथ ऐसा क्यों करते है ये लोग
शारीरिक गतिविधियाँ हमारे स्वस्थ जीवनशैली का एक अहम हिस्सा हैं। जहां एक ओर हम अक्सर बच्चों और वयस्कों को और अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय होने के लिए प्रेरित करते हैं वहीं दुनिया में एक ऐसा गांव है जहां की स्थिति इससे बिलकुल विपरीत है। आइए जानते हैं थॉर्प हैमलेट गांव के माता-पिता किस अनोखे डर से जूझ रहे हैं।
थॉर्प हैमलेट गांव के लोगों का जीवन सिंकहोल के खतरे के चलते काफी प्रभावित हुआ है। जहां दुनिया भर में माता-पिता अपने बच्चों को अधिक से अधिक शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं वहीं थॉर्प हैमलेट के माता-पिता उन्हें बाहर जाने से रोक रहे हैं। यह स्थिति हमें बताती है कि कैसे प्राकृतिक और भौगोलिक कारक किसी समुदाय के जीवन पर प्रभाव डाल सकते हैं।
बच्चों को बाहर ना जाने देने का डर
नॉरविच यूनाइटेड किंगडम में स्थित थॉर्प हैमलेट गांव के माता-पिता अपने बच्चों को बाहर खेलने के लिए नहीं भेजते हैं। यहाँ के लोगों को भय है कि उनके बच्चे यदि बाहर गए तो वे वापस नहीं आ पाएंगे। इस भय का कारण न तो कोई अपराधी है और न ही कोई अलौकिक शक्ति बल्कि सिंकहोल हैं।
सिंकहोल से जुड़ी चिंता
थॉर्प हैमलेट गांव के लोगों का मानना है कि धरती के अंदर समा जाने का खतरा उनके बच्चों को हर कदम पर घेरे हुए है। गांव की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां सिंकहोल आसानी से बन जाते हैं और ये सिंकहोल किसी भी समय किसी को भी अपने अंदर समा सकते हैं।
गांव में सिंकहोल की खोज
एक घटना के बाद गांववालों को सिंकहोल के बारे में पता चला जब एक पेड़ अचानक गायब हो गया था। इस घटना ने न केवल गांववालों को सतर्क किया बल्कि उन्हें इस बात का भी एहसास दिलाया कि उनके घरों के बाहर का मैदान कितना असुरक्षित है।
सिंकहोल से बचने के उपाय
गांववालों ने सिंकहोल के चारों ओर बाड़ लगाने की पहल की है ताकि इससे होने वाले जोखिम को कम किया जा सके। हालांकि यह समाधान अस्थायी है और गांव के लोगों को लगता है कि अधिक ठोस उपायों की आवश्यकता है।