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इन 10 बीमारी से पीड़ित मरीजो को ट्रेन में मिलती है स्पेशल छूट, आम नागरिकों के मुकाबले इतना कम लगेगा किराया

भारतीय रेलवे न केवल देश की जीवन रेखा है बल्कि वह विभिन्न वर्गों के लिए अनेक सुविधाओं और रियायतों को भी प्रदान करता है। इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है - विशेष बीमारियों से ग्रसित लोगों को दी जाने वाली छूट।
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भारतीय रेलवे न केवल देश की जीवन रेखा है बल्कि वह विभिन्न वर्गों के लिए अनेक सुविधाओं और रियायतों को भी प्रदान करता है। इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है - विशेष बीमारियों से ग्रसित लोगों को दी जाने वाली छूट। भारतीय रेलवे की ये छूट सुविधाएं समाज के उन वर्गों के लिए एक वरदान साबित हो रही हैं, जिन्हें इलाज के लिए दूर-दराज के शहरों में जाने की आवश्यकता होती है।

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किराए में छूट 

भारतीय रेल न केवल सीनियर सिटीजन और दिव्यांगजनों को बल्कि कुछ विशेष बीमारियों से ग्रसित लोगों को भी किराए में छूट प्रदान करता है। यह पहल उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित होती है। जिन्हें अक्सर इलाज के लिए दूर-दराज के शहरों में जाना पड़ता है।

विभिन्न बीमारियों पर छूट की जानकारी

  1. कैंसर मरीजों के लिए छूट: कैंसर मरीजों और उनके अटेंडेंट को इलाज के लिए यात्रा करते समय विभिन्न श्रेणियों में 50% से 100% तक की छूट प्रदान की जाती है।

  2. थैलेसीमिया, हार्ट और किडनी पैशेंट: इन बीमारियों से ग्रसित लोगों को भी विशेष छूट का प्रावधान है, खासकर जब वे इलाज के लिए यात्रा करते हैं।

  3. हीमोफीलिया मरीजों के लिए छूट: हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्तियों को भी इलाज के लिए जाने पर किराए में छूट मिलती है।

  4. टीबी और बिना इंफेक्शन वाले कुष्ठ रोगियों को छूट: इन रोगियों को भी इलाज के लिए यात्रा करते समय किराए में विशेष छूट दी जाती है।

  5. एड्स और ओस्टोमी मरीजों के लिए छूट: इन बीमारियों से ग्रसित लोगों को भी इलाज के लिए जाते समय किराए में छूट का प्रावधान है।

  6. एनिमिया मरीजों के लिए छूट: एनिमिया से पीड़ित लोगों को भी विशेष छूट प्रदान की जाती है।

सामाजिक संवेदनशीलता का प्रतीक

भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली ये छूटें न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि रेलवे समाज के प्रत्येक वर्ग की चिंता करता है और उन्हें सहारा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह सामाजिक संवेदनशीलता और समर्थन का एक मजबूत स्तंभ है। जिससे लोगों को न केवल आर्थिक राहत मिलती है। बल्कि यह उन्हें एक समर्थ और समझदार समाज का हिस्सा महसूस कराता है।