UP के इन 162 गांवो के लोगों की हुई बल्ले-बल्ले, इस जगह बसाया जाएगा नया शहर
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बढ़ती जनसंख्या और शहरी विस्तार की मांग को देखते हुए नए शहरों की स्थापना की दिशा में कदम बढ़ाया है. इस योजना के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा फेज 2 परियोजना प्रमुख है जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय विकास को नया आयाम देना है. इस परियोजना में 162 गांवों को नए शहरी ढांचे में ढाला जाएगा जिससे न केवल रहन-सहन के स्तर में सुधार होगा बल्कि स्थानीय आर्थिक संरचना में भी बढ़ोतरी होगी.
आधुनिक सुविधाओं से लैस नई बस्तियां
ग्रेटर नोएडा फेज 2 उन्नत और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा. यह शहर लगभग 35000 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में विकसित किया जाएगा जिसमें व्यापक शिक्षा संस्थान, हरित पार्क, हाई स्वास्थ्य सेवाएं, और अव्यवस्था से मुक्त आवासीय इलाके शामिल होंगे. इस परियोजना की योजना और डिज़ाइन को विशेषज्ञ कंपनियों द्वारा तैयार किया जा रहा है जो स्थानीय निवासियों को विश्व स्तरीय जीवनशैली प्रदान करेगी.
प्रोजेक्ट की अवधि और लागत
ग्रेटर नोएडा फेज 2 को पूरा होने में लगभग 20 वर्ष का समय लगेगा जिस दौरान कई चरणों में विकास कार्य संपन्न किए जाएंगे. इस लंबी परियोजना में पैसे लगाए जाएंगे जिसका मुख्य उद्देश्य एक समृद्ध और सुविधाजनक शहरी क्षेत्र का निर्माण करना है.
शहरी विकास में दृष्टिकोण
ग्रेटर नोएडा और फेज 2 के बीच का संबंध एक ऐसे मॉड्यूलर सेटअप के रूप में विकसित किया जा रहा है जो स्वतंत्र रूप से भी कार्य कर सकता है और एक-दूसरे के साथ मिलकर भी. शहर को आठ विभिन्न भागों में बांटकर अलग-अलग सुविधाओं और विशेषताओं को विकसित किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि प्रत्येक सेक्टर अपनी विशिष्टता के साथ विकसित हो.
फेज 2 की प्रमुख विशेषताएं और चुनौतियां
ग्रेटर नोएडा फेज 2 में जमीन का आवंटन और विकास की योजना बहुत सावधानीपूर्वक तैयार की जा रही है. इस चरण में कई गांवों की भूमि का उपयोग किया जाएगा जिसमें आवासीय और व्यावसायिक ढांचे विकसित किए जाएंगे. इसके साथ ही विकास प्रक्रिया में स्थानीय समुदाय के सहयोग और समर्थन को सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती होगी जिसका समाधान समग्र योजना और प्रबंधन के माध्यम से किया जा रहा है.