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यूपी के लोगों को मिलेगी गंगा एक्सप्रेसवे से भी बड़ी सौगात, पूरे पूर्वांचल की हो जाएगी मौज

उत्तर प्रदेश जो विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है अब कई नए एक्सप्रेसवे की योजनाओं से अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने जा रहा है.
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UP Longest Expressway: उत्तर प्रदेश जो विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है अब कई नए एक्सप्रेसवे की योजनाओं से अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने जा रहा है. इन योजनाओं में सबसे विशेष है गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक नया एक्सप्रेसवे जिसकी कुल लंबाई 519 किलोमीटर होगी. यह एक्सप्रेसवे तीन राज्यों को जोड़ेगा और व्यापारिक साथ ही सामाजिक संबंधों को नई ऊंचाई मिलेगी.

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गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का असर

इस नवनिर्मित एक्सप्रेसवे के बन जाने से गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच की दूरी महत्वपूर्ण रूप से कम हो जाएगी. पहले जहाँ यह यात्रा 15 घंटे में पूरी होती थी, वह अब केवल 9 घंटे में संपन्न होगी. इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन की खपत में भी कमी आएगी. यह व्यापारियों और सामान्य यात्रियों दोनों के लिए एक वरदान साबित होगा.

लाभान्वित जिले और राज्य

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश के तीन मुख्य जिलों - गोरखपुर, कुशीनगर, और देवरिया के लिए विशेष लाभ लेकर आएगा. इसके अलावा यह बिहार के आठ जिलों - पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, और किशनगंज को भी जोड़ेगा. इससे स्थानीय व्यवसायों को नई संभावनाएं मिलेंगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

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समय-सीमा और विकास की उम्मीदें

सरकार ने इस एक्सप्रेसवे को वर्ष 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है. इस दौरान, इस प्रोजेक्ट के चलते कई तरह की आर्थिक गतिविधियाँ शुरू होंगी जो स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे. यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि इससे जुड़े राज्यों के बीच व्यापारिक संबंधों को भी मजबूती मिलेगी.