Petrol Pump Fraud: पेट्रोल पंप वाले मशीन के अलावा भी इन तरीकों से लोगों को लगाते है चूना, मीटर जीरो नही बल्कि अब इस चीज से होती है हेराफेरी
जब भी हम पेट्रोल पंप (Petrol Pump) पर जाते हैं, हमारा मुख्य उद्देश्य होता है फ्यूल (Fuel) भरवाना। लेकिन, कई बार अनजाने में हम ठगी (Fraud) का शिकार हो जाते हैं। इस लेख में, हम कुछ ऐसे उपायों की चर्चा करेंगे जिससे आप इस प्रकार की ठगी से बच सकते हैं।
मीटर रीडिंग पर नजर रखें
पेट्रोल पंप पर मशीनों में तीन स्क्रीन (Screens) होती हैं जिन पर आपको विशेष ध्यान देना चाहिए। अधिकांश लोग केवल मीटर को जीरो (Zero) पर देखकर संतुष्ट हो जाते हैं, जो कि एक बड़ी गलती हो सकती है। इससे आपको आर्थिक नुकसान (Financial Loss) हो सकता है।
फ्यूल की शुद्धता की जांच
फ्यूल की शुद्धता (Purity of Fuel) आपकी गाड़ी के प्रदर्शन (Performance) और इंजन (Engine) की दीर्घायु पर सीधा प्रभाव डालती है। तेल की शुद्धता में हेरफेर (Adulteration) से बचने के लिए, आपको मशीन की तीसरी स्क्रीन पर दिखाए गए डेंसिटी (Density) के मान की जांच करनी चाहिए।
डेंसिटी का महत्व
पेट्रोल और डीजल (Diesel) की डेंसिटी ईंधन की शुद्धता का एक महत्वपूर्ण सूचक (Indicator) है। पेट्रोल की डेंसिटी आमतौर पर 730 से 770 kg/m3 के बीच होती है, जबकि डीजल की डेंसिटी 820 से 860 kg/m3 के बीच होती है। यदि यह रेंज से कम या ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि फ्यूल में मिलावट (Adulteration) की गई है।
ठगी से बचाव के तरीके
- मीटर की जीरो चेकिंग: हमेशा सुनिश्चित करें कि मीटर रीडिंग जीरो से शुरू हो।
- डेंसिटी चेक: फ्यूल डालने से पहले डेंसिटी के मान की जांच करें।
- शुद्धता के सूचकांक पर नजर: मशीन के डिस्प्ले पर दिखाई देने वाले शुद्धता के सूचकांक को देखें।
सावधानी ही बचाव है
इन उपायों को अपनाकर, आप न केवल अपनी मेहनत की कमाई (Hard-earned Money) को बचा सकते हैं बल्कि अपनी गाड़ी के इंजन को भी दीर्घकालिक नुकसान (Long-term Damage) से बचा सकते हैं। इसलिए, पेट्रोल पंप पर जाते समय थोड़ी सी सावधानी बरतें और इन सरल उपायों को अपनाएं।