ग्राहकों को उल्लू बनाने के लिए पेट्रोल पंप वाले यहां करते है गड़बड़, भोलाभाला ग्राहक नही समझ पाता उनकी चाल
आज के समय में जहाँ एक तरफ तकनीकी प्रगति ने हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाया है। वहीं दूसरी ओर इसने धोखाधड़ी के नए द्वार भी खोले हैं। पेट्रोल पंप पर होने वाली धोखाधड़ी ऐसी ही एक समस्या है जो आम उपभोक्ताओं को न केवल आर्थिक नुकसान पहुँचाती है, बल्कि उनके विश्वास को भी ठेस पहुँचाती है।
ऐसे में जरूरी है कि हम सतर्क रहें और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों। एक जागरूक उपभोक्ता होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम पेट्रोल पंप पर होने वाले किसी भी प्रकार के अनियमितताओं की शिकायत करें। ऐसा करके हम न केवल अपने अधिकारों की रक्षा करते हैं। बल्कि समाज में पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा देते हैं।
'जीरो' चेक करने की महत्वपूर्णता
पेट्रोल पंप पर फ्यूल भराने से पहले 'जीरो' चेक करना सबसे महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि मीटर शुरुआत से ही आपके द्वारा भराई जाने वाली राशि को मापना शुरू करे और किसी पिछले ट्रांजैक्शन की राशि को न जोड़े।
'डेंसिटी' की जांच
फ्यूल की डेंसिटी चेक करने से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको मिलने वाला पेट्रोल या डीजल शुद्ध है और इसमें किसी प्रकार की मिलावट नहीं है। यह न केवल आपके वाहन की दक्षता को बढ़ाता है बल्कि आपके पैसों की भी बचत करता है।
घटतौली से बचाव
आधुनिक तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल करके कुछ पेट्रोल पंप घटतौली कर सकते हैं। इससे बचने के लिए जब भी आप पेट्रोल या डीजल भरवाएं, मीटर की रीडिंग पर नजर रखें और यह सुनिश्चित करें कि मीटर की गति सामान्य है।
बिल की मांग
हमेशा अपने लेनदेन का बिल मांगें। बिल न केवल आपके ट्रांजैक्शन का प्रमाण है बल्कि यह आपको यह भी जांचने का मौका देता है कि आपको सही मात्रा में फ्यूल मिला है या नहीं।