PM Awas Yojana: 3 किस्त मिलने के बाद नही बनाया मकान, विभाग ने 50 हजार लोगों की लिस्ट की तैयार
PM Awas Yojana: बिहार में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवंटित पैसे का उपयोग न करने वाले लगभग 52 हजार लाभार्थियों की समस्या से ग्रामीण विकास विभाग जूझ रहा है. ये लाभार्थी पैसे लेने के बावजूद अपने घरों का निर्माण पूरा नहीं कर पाए हैं. विभाग ने उन्हें तीन श्रेणियों में विभाजित किया है और इस स्थिति को समझने और सुधारने के लिए विशेष उपाय योजनाएं बना रहा है.
श्रेणीवार वर्गीकरण और नीतियां
श्रेणी-ए: सहायता प्राप्त लाभार्थी - इस श्रेणी में वे लाभार्थी शामिल हैं जो अपने आवासों का निर्माण पूरा करने के इच्छुक हैं और जिन्हें राज्य सरकार से आवश्यक सहायता प्राप्त होगी. इस उपाय से उन्हें अपनी परियोजनाओं को संपूर्ण करने में मदद मिलेगी.
श्रेणी-बी: वसूली प्रयास जारी - इसमें वे लाभार्थी आते हैं जिन्होंने निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है और जिनके आवास राज्य सरकार के सहयोग से पूरे नहीं किए जा सकते. इस श्रेणी में उन लाभार्थियों की पहचान की गई है जो पलायन कर चुके हैं या जिनकी मृत्यु हो गई है और जिनके वैध उत्तराधिकारी नहीं मिल रहे हैं.
श्रेणी-सी: आवास निर्माण पूरा करना संभव नहीं - इस श्रेणी में वे लाभार्थी शामिल हैं जो विभिन्न कारणों से आवास निर्माण पूरा करने में असमर्थ हैं. इसमें ऐसे मामले शामिल हैं जहां लाभार्थी की मृत्यु हो गई है और कोई वैध उत्तराधिकारी उपलब्ध नहीं है, जिससे वसूली की संभावना नहीं रह जाती.
वर्तमान चुनौतियां और प्रयास
बिहार में कई जिलों में यह समस्या व्यापक है जहां लाभार्थियों द्वारा आवंटित पैसे का उपयोग किए बिना आवास पूरा नहीं किया गया है. राज्य सरकार ने इस समस्या को हल करने के लिए जागरूकता अभियान और जन संवाद जैसे कदम उठाए हैं लेकिन अब तक इन प्रयासों का वांछित परिणाम नहीं मिल पाया है.