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इस गांव में प्रेग्नेंट होने के लिए विदेशों से आती है महिलाएं, इस वजह से गांव के मर्दों के साथ बनाती है संबंध

लद्दाख की सुदूर वादियों में एक ऐसी विरासत है जो विश्व भर की महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करती है.
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Ladakh Pregnancy Tourism: लद्दाख की सुदूर वादियों में एक ऐसी विरासत है जो विश्व भर की महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करती है. इस विरासत को 'प्रेगनेंसी टूरिज्म' कहा जाता है. कथित तौर पर यहां विदेशी महिलाएं गर्भ धारण करने की कामना लेकर आती हैं जिससे उनके बच्चे शुद्ध आर्यन खून से पैदा हो सकें.

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इतिहास की झलक

यह विचित्र परंपरा सिकंदर महान के भारत आक्रमण के बाद शुरू हुई. कहा जाता है कि सिकंदर के सैनिकों में से कुछ भारत में ही बस गए और उन्होंने अपने जीवन को यहीं स्थापित कर लिया. लद्दाख के ब्रोकपा समुदाय का मानना है कि वे इन्हीं सैनिकों के वंशज हैं और इसलिए वे शुद्ध आर्यन खून से जुड़े हुए हैं.

सांस्कृतिक पहचान और अलगाव

ब्रोकपा समुदाय लद्दाख के सुरम्य दाह और हनु गांवों में रहता है. यह समुदाय अपनी अनोखी आनुवंशिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के लिए समुदाय के बाहर विवाह पर रोक लगाता है. उनकी विशेषताएं जैसे कि लंबी कद-काठी, गोरी त्वचा और लंबे बाल उन्हें अन्य तिब्बती समुदायों से अलग करती हैं.

विवाद और वास्तविकता

हालांकि इस समुदाय के शुद्ध आर्यन होने के दावे की वैज्ञानिक रूप से कोई पुष्टि नहीं है. ये दावे अधिकतर अनौपचारिक कहानियों और सामुदायिक लोककथाओं पर आधारित हैं. फिर भी, इनकी अनूठी परंपरा और इतिहास विश्व भर के पर्यटकों और शोधकर्ताओं को आकर्षित करती है.