ट्रेन में बिना किसी एमरजेंसी के चैन खींचना पड़ सकता है महंगा, जुर्माने के साथ हो सकती है जेल
भारतीय रेलवे का सफर लाखों लोगों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। रोज़ाना 2 करोड़ से अधिक लोग इसकी सेवाओं का लाभ उठाते हैं। यात्रियों की सुरक्षा भारतीय रेलवे की प्राथमिक चिंता है जिसके लिए वह विभिन्न सुविधाएँ और उपाय प्रदान करता है। इन्हीं सुविधाओं में से एक है आपातकालीन अलार्म चेन पुलिंग (ACP) प्रणाली, जिससे यात्री आपात स्थितियों में ट्रेन रोक सकते हैं।
चेन पुलिंग
हालांकि इमरजेंसी चेन पुलिंग की सुविधा कई बार दुरुपयोग की जा रही है। कई यात्री बिना किसी वाजिब कारण के चेन खींचकर ट्रेन को रोक देते हैं जिसके परिणामस्वरूप ट्रेनें अनुसूचित समय से लेट हो जाती हैं और इसका प्रभाव लाखों यात्रियों पर पड़ता है। यह न केवल अन्य यात्रियों के लिए असुविधाजनक होता है बल्कि इससे रेलवे की व्यवस्था में भी बाधा उत्पन्न होती है।
कानूनी परिणाम
रेलवे ने इस प्रकार की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों पर नियंत्रण रखने के लिए सख्त नियम और दंड निर्धारित किए हैं। रेलवे एक्ट 1989 की धारा 141 के अनुसार, बिना वजह चेन खींचने पर 1,000 रुपये तक का जुर्माना या एक साल की जेल, या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं। इस अपराध के लिए दोषी पाए जाने पर, व्यक्ति को सरकारी नौकरी पाने के अवसर से भी वंचित किया जा सकता है।
एमरजेंसी में चेन पुलिंग
चेन पुलिंग की यह सुविधा केवल आपातकालीन स्थितियों के लिए है, जैसे कि अगर ट्रेन से कोई बुजुर्ग यात्री या छोटा बच्चा छूट गया हो, ट्रेन में आग लगने की स्थिति में, किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्या (जैसे हार्ट अटैक या स्ट्रोक) होने पर, या ट्रेन में चोरी या डकैती की स्थिति में। इन परिस्थितियों में चेन पुलिंग को उचित माना जाता है।