हर टिकट के साथ यात्री को रेल्वे मुफ्त में देता है ये खास सुविधाएं, हर रोज सफर करने वालों को भी नही पता होती ये बातें
भारतीय रेलवे की बात करें तो यह दुनिया के सबसे विशाल रेल नेटवर्कों में से एक है। यहां हर दिन 13 हजार से ज्यादा रेलगाड़ियां दौड़ती हैं जो लगभग 2.4 करोड़ लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती हैं। इस भीड़-भाड़ वाले नेटवर्क में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं जिनके बारे में अधिकतर यात्री अवगत नहीं होते।
यात्रियों को प्राप्त अधिकार
जब भी कोई यात्री ट्रेन में यात्रा करता है और उसके पास आरक्षित टिकट होता है तो उसे कुछ विशेष अधिकार प्राप्त होते हैं। ये अधिकार न केवल सुरक्षा से संबंधित होते हैं बल्कि स्वास्थ्य से जुड़े भी होते हैं। ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण है कि यात्रा के दौरान कौन-कौन से महत्वपूर्ण अधिकार यात्री को मिलते हैं।
चिकित्सा सहायता का अधिकार
अगर यात्रा के दौरान किसी यात्री की तबीयत खराब हो जाती है, तो उसे मेडिकल सहायता मुहैया कराना रेलवे की जिम्मेदारी होती है। ट्रेन में मौजूद टीटीई और सुप्रीटेंडेंट यात्री की हर संभव मदद करते हैं और आगामी स्टेशन पर चिकित्सा सुविधाएं मुफ्त में दी जाती हैं।
तत्काल टिकट और रिफंड
आम धारणा के विपरीत, तत्काल टिकट पर भी रिफंड मिल सकता है। यदि ट्रेन के रूट में बदलाव हो जाए या ट्रेन तीन घंटे से अधिक लेट हो तो यात्री रिफंड के हकदार होते हैं। इससे यात्रियों को आपात स्थितियों में वित्तीय राहत मिलती है।
सीट बुकिंग और अधिकार
यदि आपने ट्रेन में अपनी सीट बुक कराई है तो उस सीट पर उस स्टेशन से जहां से आप चढ़े हैं, अगले दो स्टेशन तक आपका हक बना रहता है। यदि आप देरी से ट्रेन में चढ़ते हैं तो उस स्थिति में टीटीई दूसरे यात्री को आपकी सीट दे सकता है।
रात्रि समय में टिकट चेकिंग के नियम
भारतीय रेलवे के अनुसार रात के 10 बजे के बाद टिकट चेकिंग नहीं की जा सकती है। यह नियम यात्रियों की नींद का सम्मान करते हुए बनाया गया है। हालांकि यदि कोई यात्री इस दौरान ट्रेन में चढ़ता है तो टिकट चेकिंग की जा सकती है।
आपात स्थिति में रिफंड
यदि ट्रेन किसी कारण से बीच रास्ते में रुक जाती है और आगे की यात्रा के लिए रेलवे द्वारा कोई इंतजाम नहीं किया जाता तो यात्री पूरे पैसे वापस पाने के हकदार होते हैं। इस स्थिति में यात्री को अपना टिकट देना पड़ता है।