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बुजुर्गों को मिली ट्रेन किराए में छूट वापस लेकर रेल्वे ने की करोड़ों में कमाई, RTI में 4 साल की कमाई देखकर तो हर कोई हैरान

आज के समय में जब हर कदम पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है, वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे की ओर से दी जाने वाली रियायतें एक सुखद अहसास लाती थीं। लेकिन कोविड-19 के चलते आए लॉकडाउन ने इस सुविधा पर भी....
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Railway Concession Cancelation
   

आज के समय में जब हर कदम पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है, वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे की ओर से दी जाने वाली रियायतें एक सुखद अहसास लाती थीं। लेकिन कोविड-19 के चलते आए लॉकडाउन ने इस सुविधा पर भी विराम लगा दिया। 20 मार्च 2020 से भारतीय रेल ने वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किराये में दी जाने वाली छूट को वापस ले लिया।

जिसके बाद से उन्हें अन्य यात्रियों की तरह ही पूरा किराया चुकाना पड़ रहा है। आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल किराये में दी जाने वाली छूटों के वापस लिए जाने के बाद की स्थिति को उजागर किया है।

जहां एक ओर रेलवे ने इस कदम से अतिरिक्त राजस्व कमाया है, वहीं वरिष्ठ नागरिकों पर इसका वित्तीय बोझ भी बढ़ा है। इस मुद्दे पर समाज के सभी वर्गों से चर्चा और विचार-विमर्श जारी है और यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस पर सकारात्मक कदम उठाएगी।

आरटीआई के जरिए खुलासा

सूचना के अधिकार (RTI) कानून के तहत प्राप्त जानकारी से यह खुलासा हुआ है कि इस निर्णय के बाद से रेलवे ने बुजुर्गों से 5,800 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित किया है। यह आंकड़ा वित्तीय बोझ के बढ़ते हुए ग्राफ को दर्शाता है जिसे वरिष्ठ नागरिकों ने इस अवधि में वहन किया।

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रियायत का महत्व

पहले रेलवे महिला यात्रियों को 50 प्रतिशत और पुरुष तथा ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 प्रतिशत की छूट देता था। यह छूट उन्हें समाज में एक विशेष स्थान प्रदान करती थी और उनकी यात्रा को अधिक सुगम बनाती थी। लेकिन छूट की समाप्ति के बाद वरिष्ठ नागरिकों को भी पूरा किराया चुकाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

रियायतों की वापसी की मांग

संसद के दोनों सदनों समेत विभिन्न मंचों पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन किरायों में दी जाने वाली रियायतों को बहाल करने की मांग उठाई जा चुकी है। लोगों का मानना है कि महामारी के प्रभाव कम होने के बाद यह छूट फिर से शुरू की जानी चाहिए।

रेल मंत्रालय का रुख

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब देने से बचते हुए कहा कि भारतीय रेलवे प्रत्येक रेल यात्री को ट्रेन किराये पर 55 प्रतिशत छूट देता है। उनके अनुसार अगर किसी गंतव्य के लिए ट्रेन टिकट की कीमत 100 रुपये है, तो रेलवे यात्री से केवल 45 रुपये ही वसूल रहा है, जिससे यात्रा पर 55 रुपये की रियायत दे रहा है।