सरकारी बैठकों में अब नही मिलेगा समोसा-कचौड़ी और जलेबी का टेस्ट, इस कारण के चलते राजस्थान सरकार ने लिया बड़ा डिसीजन
राजस्थान सरकार का ताजा फैसला सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आया है। अब तक बैठकों में आमतौर पर परोसे जाने वाले समोसा, कचौड़ी और जलेबी (Samosa, Kachori, Jalebi) की जगह स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों को तरजीह दी जा रही है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की सेहत (Health) पर ध्यान देना है।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता (Health Consciousness)
भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) के इस फैसले से यह संदेश गया है कि सरकारी कर्मचारियों की सेहत की चिंता सरकार के लिए महत्वपूर्ण है। अब बैठकों में रोस्टेड चना, रोस्टेड मूंगफली, मखाने और मल्टीग्रेन बिस्किट्स (Roasted Chana, Peanuts, Makhana, Multigrain Biscuits) जैसे हल्के और स्वास्थ्यवर्धक स्नैक्स परोसे जाएंगे।
सोशल मीडिया पर चर्चा (Social Media Discussion)
इस फैसले पर सोशल मीडिया (Social Media) पर भी बहस गरम है। कई लोग इसे सरकार का सकारात्मक कदम बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे अनावश्यक हस्तक्षेप मान रहे हैं।
पर्यावरण के प्रति सजगता (Environmental Awareness)
सरकार ने प्लास्टिक बोतल (Plastic Bottles) के उपयोग पर भी रोक लगा दी है। अब सरकारी कार्यालयों में कांच की बोतलों (Glass Bottles) और गिलासों में पानी पिलाया जाएगा, जो कि पर्यावरण के अनुकूल (Eco-Friendly) हैं।
संविदा कर्मचारियों पर असर (Impact on Contractual Employees)
भजनलाल सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसमें रिटायरमेंट के बाद संविदा (Contractual) पर काम कर रहे कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिए गए हैं। इससे लगभग 2000 कर्मचारियों पर प्रभाव पड़ा है। इस कदम से कुछ निराशा (Disappointment) भी देखी गई है, खासकर उन कर्मचारियों में जो अभी भी कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम कर रहे हैं।
इस तरह राजस्थान सरकार ने स्वास्थ्य, पर्यावरण और कर्मचारी नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसका प्रभाव दीर्घकालिक और सकारात्मक (Positive Impact) हो सकता है।