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Ration Card Apply: मुफ्त राशन योजना का नही मिल रहा लाभ तो हो सकता है ये कारण, सरकारी दफ्तरो के चक्कर काटकर लोग हो चुके है परेशान

भारत में जहां एक तरफ सरकार गरीबों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू करती है, वहीं इन योजनाओं का लाभ सही पात्र तक पहुँचने में अनेक बाधाएँ आती हैं। इसका ताजा उदाहरण है छत्तीसगढ़ में मुफ्त राशन वितरण योजना।
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भारत में जहां एक तरफ सरकार गरीबों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू करती है, वहीं इन योजनाओं का लाभ सही पात्र तक पहुँचने में अनेक बाधाएँ आती हैं। इसका ताजा उदाहरण है छत्तीसगढ़ में मुफ्त राशन वितरण योजना। जिले मे जहां 35 हजार से अधिक गरीब परिवारों को मुफ्त राशन नहीं मिल पा रहा है।

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सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन समाज के हर वर्ग तक उनके लाभ पहुँचाने में महत्वपूर्ण है। गरीब परिवारों को उनका हक दिलाने के लिए सरकारी पहल के साथ-साथ प्रशासनिक सजगता और कुशलता भी आवश्यक है।

ऐसे में सभी संबंधित अधिकारियों और नागरिकों को मिलकर इस दिशा में काम करने की जरूरत है, ताकि योजना का सही लाभ उसके वास्तविक हकदारों तक पहुँच सके।

नियमों की जकड़न और प्रशासनिक लापरवाही

योजना के लाभार्थियों को चुनने में नियमों की जकड़न और प्रशासनिक लापरवाही मुख्य बाधाएँ हैं। अधिकारियों की अरुचि और लापरवाही के चलते जिन परिवारों को इस योजना की सख्त जरूरत है, वे इसका लाभ उठाने से वंचित हैं।

राशन कार्ड में विसंगतियाँ

इसके अलावा, जिले में हजारों मृतकों के नाम आज भी राशन कार्ड में दर्ज हैं, जबकि जीवित लोगों को राशन कार्ड के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक कुशलता पर सवाल उठाती है, बल्कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में भी बाधा उत्पन्न करती है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और उसके नियम

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अनुसार शहरी क्षेत्र में आबादी का 64.43 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 79.56 प्रतिशत तक राशन कार्ड बनाने का नियम है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में तो इस नियम का पालन कर लिया गया है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में अभी भी लक्ष्य से कम है।

प्रशासन को इस दिशा में सक्रिय होने की जरूरत 

इस समस्या का समाधान तब तक संभव नहीं है जब तक अपात्रों के राशन कार्ड निरस्त नहीं किए जाते और पात्र लोगों को योजना का लाभ दिलाने के लिए कदम नहीं उठाए जाते। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे इस दिशा में सक्रिय पहल करें और योजना के लाभार्थियों की सही पहचान सुनिश्चित करें।