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Roti On Gas: गैस की आंच पर रोटियां सेंककर खाते है तो आज ही कर दे बंद, वरना बाद में होगा बड़ा पछतावा

भारतीय घरों में रोटी एक ऐसा अनिवार्य भोजन है। जिसे दिन में दो बार बड़े चाव से खाया जाता है। शुद्ध गेहूं के आटे से बनी रोटी न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होती है। बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी कई फायदे प्रदान करती है।
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भारतीय घरों में रोटी एक ऐसा अनिवार्य भोजन है। जिसे दिन में दो बार बड़े चाव से खाया जाता है। शुद्ध गेहूं के आटे से बनी रोटी न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होती है। बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी कई फायदे प्रदान करती है। पारंपरिक रूप से रोटी को तवे पर बेलकर दोनों तरफ हल्का सिकने पर गैस की लौ पर सेंका जाता है, जिससे यह फूलकर और भी स्वादिष्ट बन जाती है।

गैस पर रोटी सेंकना सेहत के लिए हानिकारक

लेकिन क्या आपको पता है कि गैस पर रोटी सेंकना सेहत के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? 2015 में जर्नल एवनायरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार नेचुरल गैस स्टोव ऐसे एयर पॉल्यूटेंट्स का उत्सर्जन करते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

यह वायु प्रदूषक कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सूक्ष्म कणों के रूप में होते हैं। जो श्वसन संबंधित बीमारियों, हृदय सम्बन्धी समस्याओं और यहां तक कि कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा सकते हैं।

कार्सिनोजेन का जोखिम

उच्च तापमान पर खाना पकाने की विधियां जैसे कि गैस की लौ पर सीधे रोटी सेंकना कार्सिनोजेनिक कंपाउंड्स जारी कर सकती हैं। यह कंपाउंड्स कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं। न्यूट्रिशन एंड कैंसर जर्नल में प्रकाशित एक और अध्ययन के अनुसार लंबे समय तक इस प्रकार के खाने का सेवन करने से हानिकारक कार्सिनोजेन्स शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

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तवा पर रोटी सेंकने के फायदे

विकल्प के रूप में तवा पर रोटी सेंकना न केवल सुरक्षित है, बल्कि इससे स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। तवे की फ्लैट सतह गर्मी को समान रूप से वितरित करती है। जिससे रोटी बिना किसी हानिकारक वायु प्रदूषकों के सम्पर्क में आए, समान रूप से पक जाती है। इससे रोटी में मौजूद पोषक तत्व जैसे फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स बरकरार रहते हैं।

तवे पर पकाई गई रोटी उच्च तापमान पर नहीं पकती है, जिससे इसके पोषक तत्व नष्ट नहीं होते। इस प्रकार की कुकिंग में बहुत कम तेल या घी की आवश्यकता होती है। जिससे यह लो-फैट कुकिंग का एक बेहतरीन विकल्प बन जाता है।