Sarkari Ration Scheme: सरकारी राशन की दुकानों पर ले सकेंगे दाल, बाजरा और दूध भी, इन राज्यों में सरकार ने शुरूआत
देशभर में उचित मूल्य की दुकानों (Fair Price Shops) की सूरत बदलने जा रही है. खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हाल ही में एक पायलट परियोजना (Pilot Project) की शुरुआत की जिसके तहत उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, और तेलंगाना में चुनिंदा 60 उचित दर दुकानों को ‘जन पोषण केंद्र’ में बदला जाएगा. इस परियोजना का मकसद है दुकानों की व्यवहार्यता बढ़ाना और पोषण युक्त खाद्य पदार्थों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना.
नए प्रकार के उत्पादों की उपलब्धता (Availability of New Products)
पायलट परियोजना के तहत उचित मूल्य दुकानों को अब सब्सिडी वाले अनाज (Subsidized Grains) के अलावा अलग अलग प्रकार के प्रोडक्ट बेचने की अनुमति होगी जिसमें बाजरा, दालें, डेयरी उत्पाद और दैनिक जरूरत के सामान शामिल हैं. इस विविधता से न केवल ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी बल्कि डीलरों को भी अपनी आय के नए स्रोत खोजने में मदद मिलेगी.
दुकानों की बढ़ती संख्या (Increasing Viability of Shops)
खाद्य मंत्री ने बताया कि मौजूदा समय में कुछ उचित मूल्य दुकानें केवल 8-9 दिन ही खुलती हैं जबकि कुछ तीन महीने में एक बार. इस बदलाव से दुकानें अधिक समय तक खुली रह सकेंगी जिससे इनकी व्यवहार्यता में इजाफा होगा.
कमीशन संरचना में सुधार (Improvement in Commission Structure)
मंत्री ने यह भी जोर दिया कि उचित मूल्य दुकानों के लिए मौजूदा कमीशन संरचना अपर्याप्त है. विभिन्न विकल्पों को तलाशने की आवश्यकता है ताकि दुकान और जनशक्ति का उपयोग अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सके. इस संदर्भ में ‘मेरा राशन’ ऐप (My Ration App) के उन्नत मॉडल को पेश किया गया है, जो दुकानदारों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए सहायक सिद्ध होगा.
ऋण सुविधाएँ और सहयोग (Loan Facilities and Collaboration)
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि एफपीएस डीलरों को आसान ऋण सुविधाएँ प्रदान करने के लिए सिडबी (SIDBI) के साथ सहयोग किया गया है और उद्यमिता प्रशिक्षण के लिए कौशल विकास मंत्रालय (Skill Development Ministry) के साथ भी साझेदारी की गई है.
राष्ट्रीय स्तर पर उचित मूल्य दुकानों की संख्या (National Count of Fair Price Shops)
वर्तमान में पूरे भारत में लगभग 5.38 लाख उचित मूल्य दुकानें हैं जो कि खाद्य सुरक्षा के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. इन दुकानों के जरिए सरकारी योजनाओं (Government Schemes) का लाभ सीधे आम जनता तक पहुंचता है और यह सुनिश्चित करता है कि खाद्य सुरक्षा का अधिकार हर व्यक्ति को मिल सके.