ग्रामीणों के साथ मिलकर सरपंच ने MNERA अकाउंट में किया फ़्रॉड, खाते से निकाले लाखों रुपए
मध्य प्रदेश में मनरेगा में फर्जी जॉब के जरिए लाखों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। भितरघात जिले में एक सरपंच ने अपने पति की मदद से मनरेगा के लाखों रुपये फर्जी खातों में डाल दिए। उन्होंने फर्जी जॉब कार्ड बनाकर सरकार को धोखा दिया। पति-पत्नी पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है जब मामला सामने आया है।
यह कार्रवाई लोकायुक्त में शिकायत के बाद की गई है। आरोपी बारह वर्ष तक फर्जी रुपये निकालते रहे। आरोपियों ने विभाग से लगभग 13 लाख रुपये फर्जी निकाल लिए। जब खुलासा हुआ, दो पूर्व सचिवों ने भी इस अपराध में लिप्त पाया गया। उनके खिलाफ भी मुकदमा चलाया गया है। आरोपियों पर धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा चलाया गया है।
13 लाख निकाले गए, 3.5 लाख जमा किए गए
भितरवार जिले की ग्राम पंचायत धोवट की पूर्व सरपंच मुन्नीबाई ने अपने पति सुरेन्द्र रावत के साथ मिलकर गांव के लोगों के नाम फर्जी जॉब कार्ड बनाए। 2010 से 2022 तक, उन्होंने मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बनाकर धन निकालते रहे।
उन्होंने बिना मूल्यांकन कराए अफसरों से बड़ी रकम निकाली। तत्कालीन सचिव राजेंद्र श्रीवास्तव और वर्तमान सचिव लाखन सिंह ने उनका साथ दिया। सब कुछ किया गया है।
फर्जी जॉब कार्ड बनाए, मुकदमा दर्ज
ग्राम पंचाय सरपंच और उसके पति ने, सचिवों की मदद से, इस पूरे धोखाधड़ी को रोक दिया। उनके पास फर्जी जॉब कार्ड और अन्य दस्तावेज थे, जिनकी मदद से वे लगभग 13 लाख रुपये निकाल लिए। लोकायुक्त ने फर्जी जॉब कार्ड बनाने की शिकायत की।
जांच के बाद, मामले में फर्जी रुपये निकालने के लिए फर्जी जॉब कार्ड बनाने की पुष्टि हुई। लोकायुक्त ने धारा 420, 467, 468, 13(1) 13(2) के तहत सरपंच पति-पत्नी और दो सचिवों पर मामला दर्ज कर लिया है।