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बच्चों को जन्म देने के बाद हर साल बदल लेती है अपना पति, कारण आपको हिलाकर रख देगा

हमारे आसपास बहुत से पशु-पक्षी होते हैं जिनकी अनोखी विशेषताएँ होती हैं लेकिन अक्सर हम इन्हें नोटिस नहीं कर पाते
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Unknown Facts of Partridge:  हमारे आसपास बहुत से पशु-पक्षी होते हैं जिनकी अनोखी विशेषताएँ होती हैं लेकिन अक्सर हम इन्हें नोटिस नहीं कर पाते. पक्षियों की दुनिया विशेष रूप से रहस्यों से भरी हुई है. आज हम आपको मादा तीतर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी जीवनशैली वाकई में अनोखी है और हर साल नए पति की तलाश में निकल पड़ती है.

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रहस्यमयी जीवनशैली की जानकारी

मादा तीतर, जिसे ग्रे पार्ट्रिज के नाम से भी जाना जाता है भारत में प्रमुख रूप से पाई जाती है. यह अपना घोंसला जमीन पर झाड़ियों के बीच बनाती है और इसकी प्रजाति की मादा हर साल नए साथी की तलाश में निकलती है. मेटिंग सीजन जनवरी से मार्च तक रहता है जिसमें यह 10 से 18 अंडे देती है जो कि पक्षियों में दिए जाने वाले अंडों में सबसे ज्यादा होता है.

साथी चुनने की खास प्रक्रिया

बर्ड वाचिंग एक्सपर्ट्स के अनुसार मादा तीतर अपने साथी का चुनाव परफॉर्मेंस के आधार पर करती है. जनवरी में जब मादा साथी की तलाश में होती है नर तीतर विभिन्न तरह की आवाजें निकालकर या डांस करके मादा को आकर्षित करने का प्रयास करते हैं. जिस नर का प्रदर्शन मादा को सबसे अधिक भाता है उसे वह अपना साथी चुन लेती है.

नर की जिम्मेदारियाँ और समूहीकरण

मादा तीतर अपने अंडों को 23 से 25 दिनों तक सेती है. जब अंडों से चूजे निकलते हैं तो उनकी देखभाल की जिम्मेदारी नर पर होती है. बच्चों के जन्म के बाद मादाएँ एक समूह बनाती हैं और अपने बच्चों के साथ मिलकर बड़े समूह में यात्रा करती हैं जिससे उनकी सुरक्षा में बढ़ोतरी होती है. यह समूहीकरण उन्हें शिकारियों से बचाने में मदद करता है और उनके बच्चों को बड़े होने तक एक सुरक्षित वातावरण मिलता  है.