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यूपी में बीयर की दुकानों के पास ही बैठकर पीनी होगी शराब, सड़क किनारे खड़े होकर पीने वालों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई

योगी सरकार की नई आबकारी नीति लागू होने के बाद राज्य में ना सिर्फ देशी शराब की कीमतें कम होंगी, बल्कि सरकारी धन भी बढ़ेगा। राज्य की कंट्री मेड शराब की विभिन्न श्रेणियों को अब केवल चार श्रेणियों में बांटा गया है। 
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योगी सरकार की नई आबकारी नीति लागू होने के बाद राज्य में ना सिर्फ देशी शराब की कीमतें कम होंगी, बल्कि सरकारी धन भी बढ़ेगा। राज्य की कंट्री मेड शराब की विभिन्न श्रेणियों को अब केवल चार श्रेणियों में बांटा गया है, राज्य के आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी ने बताया।

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ये पहले नौ श्रेणियों में विभाजित थे और उनके मूल्य भी अलग-अलग थे। उनका कहना था कि यूपी में ग्रेन अल्कोहल को बढ़ावा देने की नीति सबसे बड़ा कारण है कि शराब की लागत कम हो गई है। इससे राज्य की दूसरे राज्यों पर निर्भरता कम हुई है और राजस्व को भी लाभ हुआ है। 

सड़क पर नहीं, अब परमिट रूम में पी सकेंगे बियर 

नियमों का दुरुपयोग भी रोका गया है। इनमें बीयर की दुकानों के पास 100 स्क्वायर फीट की जगह को परमिट रूम बनाया जा सकता है। इसकी अनुमति लेने के लिए सालाना पांच हजार रुपए की लागत होगी। पासपोर्ट रूम का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप ठंडी बियर को बस बियर की दुकानों के पास पी सकते हैं।

इससे सड़क पर या किसी कोने में अवैध रूप से बीयर पीने से होने वाली असुविधा और अक्सर सड़क पर छेड़खानी, मारपीट और अन्य असुविधाजनक घटनाओं से बच सकेंगे।

यूपी में ग्रेन अल्कोहल का उत्पादन, दुनिया भर में इसकी मांग 

आबकारी आयुक्त ने कहा कि सरकार शीरे वाली शराब की जगह अनाज (ग्रेन) शराब को बढ़ावा दे रही है। ग्रेन अल्कोहल विश्व भर में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। अब प्रदेश में ग्रेन अल्कोहल बनाया जाता है, जबकि पहले पंजाब और हरियाणा से आयात करना पड़ा था। लाइसेंस फीस को 254 रुपए प्रति बल्क लीटर निर्धारित करने से सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी, साथ ही इम्पोर्ट ड्यूटी को भी कम किया गया है।

2024-25 में मिनिमम गारंटी कोटा और रेवेन्यू में 10 प्रतिशत का इजाफा करने से 50 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त करने का भी लक्ष्य है। हालाँकि, शराब की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी; ग्रेन अल्कोहल और यूपीएमल की 42.8 डिग्री वाली शराब की कीमत पहले 90 रुपए थी, लेकिन अब 85 रुपए होगी।

वहीं यूपीएमएल ने 36 डिग्री वाली मदिरा को 75 रुपये की नई श्रेणी में जोड़ा है। शीरे वाली शराब भी दो श्रेणियों में आती है। 25 डिग्री की कीमत 50 रुपए है, जबकि 36 डिग्री 70 रुपए है। इनकी दरें भी नहीं बदली हैं। यूपीएमएल शराब पहली बार ग्लास और टेट्रा पैक में उपलब्ध होगी। 

यूपी में फ्रेंचाइजी दुनिया के शीर्ष ब्रांडों को स्थापित कर सकेगी

उनका कहना था कि राजस्व में वृद्धि के लिए हमने पहली बार फ्रेंचाइजी फी भी लाया है, जिससे यूपी की डिस्टलरीज के साथ विश्व के शीर्ष ब्रांडों ने फ्रेंचाइजी स्थापित की है। प्रदेश के आबकारी आयुक्त ने कहा कि अगर किसी ब्रांड की मांग बढ़ती है और आसवानियों की संख्या कम होती है, तो उन्हें एक साल के लिए दोगुना लाइसेंस शुल्क देकर बाहर से मदिरा खरीदने और बॉटलिंग बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी।

बॉटलर्स और आस्वकों को नई डिस्टलरी लगाने में कोई परेशानी नहीं होगी; इससे राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा। साथ ही, बियर की बिक्री की लागत को 50 पैसे प्रति लीटर कम किया गया है, जिससे उत्तर प्रदेश को बियर की बिक्री में और मजबूत बनाया जा सके।