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फ़्लाइट छोड़ो अब इस स्टेशन से ट्रेन पकड़कर जा सकते है विदेश, 57KM लंबी रेल्वे पटरियां बिछाने की तैयारी में है रेल्वे

इस देश में जाने के लिए अब किसी भी प्रकार का पासपोर्ट या वीज़ा की जरूरत नहीं होगी।  अब आप इस देश में ट्रेन से भी जा सकते हैं।  अब भारत और भूटान के बीच ट्रेन चलेगी। इसके लिए दोनों देशों ने महत्वपूर्ण समझौता किया है।
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First International Rail Service
   

इस देश में जाने के लिए अब किसी भी प्रकार का पासपोर्ट या वीज़ा की जरूरत नहीं होगी।  अब आप इस देश में ट्रेन से भी जा सकते हैं।  अब भारत और भूटान के बीच ट्रेन चलेगी। इसके लिए दोनों देशों ने महत्वपूर्ण समझौता किया है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूटान गए।

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PM मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने भारत और भूटान के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए, इनमें से एक रेल संपर्क संबंधी है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया भारत और भूटान ने रेल संपर्क को लेकर ‘‘सहमति जता चुके हैं और इस संबंध में एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। भारत और भूटान के बीच कोकराझार-गेलेफू और बनारहाट-समत्से के दो रेलवे मार्गों का उद्घाटन समझौता ज्ञापन में किया गया है।

भारत-भूटान रेलवे लाइन का निर्माण शुरू

कोकराझार-गेलेफू रेलवे पहले शुरू हो सकता है। भूटान के गेलेफू (Gelephu) से असम के कोकराझार के बीच 57.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बनाई जाएगी। इस रेलवे लाइन का निर्माण करना लगभग 100 करोड़ रुपये का खर्च होगा।

पिछले साल अगस्त में, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और भूटान के बीच रेलवे लिंक का निर्माण शुरू करने के लिए कोकराझार-गेलूफू रूट पर सर्वेक्षण अप्रैल 2023 में पूरा हो जाएगा।

इस साल काम पूरा हो जाएगा 

भारत सरकार इस 57 किलोमीटर लंबे रेलवे पुल को बनाएगी जो भूटान के गेलेफू और असम के कोकराझार को जोड़ेगा। नार्थ ईस्टर्न फ्रंटियर (एनएफ) रेलवे इस रूट पर ट्रेन चलाएगा। रेलवे लाइन का निर्माण जल्द शुरू होगा और 2026 तक पूरा हो जाएगा।