खेत में चांदी खोज रहे स्टूडेंट को मिला करोड़ों का खजाना, जब सही कीमत पता चली तो उड़े सबके होश
student searching silver found: डेनमार्क की आरहूस यूनिवर्सिटी में पुरातत्व के छात्र गुस्ताव ब्रून्सगार्ड ने अपने मेटल डिटेक्टर (Metal Detector) की मदद से एक अनोखी ऐतिहासिक खोज की. एलस्टेड शहर के पास एक खेत में खुदाई करते समय उन्हें चांदी के कड़े मिले जो वाइकिंग युग (Viking Era) के दौरान की प्रतीत होते हैं.
पुरातत्वीय खोजों की महत्वपूर्णता (Significance of Archaeological Finds)
जब गुस्ताव ने अपनी खोज की सूचना स्थानीय अधिकारियों को दी, तो पुरातत्व विशेषज्ञों ने इन कड़ों को 800 के दशक का बताया. यह समय स्कैंडिनेविया में वाइकिंग युग की शुरुआत को दर्शाता है. ये कड़े वर्तमान में मोसगार्ड संग्रहालय (Moesgaard Museum) में प्रदर्शित किए जा रहे हैं और बाद में इन्हें डेनमार्क के राष्ट्रीय संग्रहालय में स्थानांतरित किया जाएगा.
कड़ों की अनोखी विशेषताएँ (Unique Features of the Bracelets)
खोजी गई चांदी की कड़ों का वजन लगभग आधा किलोग्राम था और यह माना जाता है कि वाइकिंग युग के दौरान इन्हें व्यापार (Trade) में इस्तेमाल किया गया होगा. संग्रहालय ने यह भी घोषणा की कि तीन कड़ों में एक विशेष रूप से भारी मुद्रित, बैंड के आकार के छल्ले हैं जो आयरलैंड (Ireland) में निर्मित समान डिज़ाइन को दर्शाते हैं.
सांस्कृतिक आदान-प्रदान के प्रमाण (Evidence of Cultural Exchange)
संग्रहालय के अनुसार कुछ कड़े रूस (Russia) या यूक्रेन (Ukraine) से उत्पन्न होने वाले लोगों की शैली के समान हैं. यह वाइकिंग दुनिया के भीतर व्यापक सांस्कृतिक और व्यापारिक आदान-प्रदान (Cultural and Trade Exchange) का संकेत देता है जो कि आरहूस को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र के रूप में प्रस्तुत करता है.
ऐतिहासिक महत्व का पुनर्मूल्यांकन (Reevaluation of Historical Significance)
इस खोज से न केवल पुरातत्व विज्ञान में नई रुचि जागी है बल्कि यह आरहूस के ऐतिहासिक महत्व को भी नई दृष्टि से देखने का आग्रह करता है. वाइकिंग युग के दौरान आरहूस की भूमिका को लेकर नए सिरे से चर्चा हो रही है और यह शोधकर्ताओं के लिए नए शोध के द्वार खोल रहा है.