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हरियाणा में बल्लभगढ़ से पलवल तक मेट्रो को लेकर बड़ा अपडेट, इन जगहों पर बनेंगे 10 स्टेशन Palwal Metro Route

बल्लभगढ़ से पलवल तक मेट्रो रेल के विस्तार के लिए हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस परियोजना की डीपीआर पर काम शुरू हो चुका है.
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Palwal metro route
   

Palwal Metro Route: बल्लभगढ़ से पलवल तक मेट्रो रेल के विस्तार के लिए हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस परियोजना की डीपीआर (Detailed Project Report) पर काम शुरू हो चुका है. जो आने वाले छह महीनों में पूरा होने की संभावना है. इस पहल से क्षेत्रीय विकास और संपर्क सुधारने की दिशा में बड़ी प्रगति होगी.

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कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे से संपर्क

पलवल मेट्रो परियोजना को कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे और हरियाणा आर्बिटल रेल के साथ जोड़ने की योजना (KMP connectivity) बनाई गई है. यह कनेक्टिविटी न केवल यातायात को सुधारेगी बल्कि क्षेत्रीय विकास में भी योगदान देगी. इससे बल्लभगढ़ और पलवल के बीच यात्रा करने वाले नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी.

पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 16 अगस्त 2022 को पृथला विधानसभा क्षेत्र में एक रैली के दौरान मेट्रो के पलवल तक विस्तार की घोषणा (metro expansion announcement) की थी. इस घोषणा के बाद से ही संबंधित विभागों ने इस योजना पर तत्परता से काम शुरू कर दिया है.

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

इस मेट्रो कारिडोर की लंबाई लगभग 24 किलोमीटर (metro corridor length) होगी, जिसमें 10 स्टेशन प्रस्तावित हैं. यह पूरी तरह एलिवेटेड मार्ग होगा और इसमें बल्लभगढ़, सेक्टर 58-59, सीकरी, सोफ्ता, पृथला, बघौला, आल्हापुर और पलवल के औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ा जाएगा. यह परियोजना न केवल स्थानीय निवासियों बल्कि औद्योगिक इकाइयों के लिए भी बड़े लाभ का स्रोत बनेगी.

बजट और आर्थिक लाभ

परियोजना की अनुमानित लागत 4320 करोड़ रुपये है, जिससे यह क्षेत्रीय आर्थिक विकास (regional economic development) में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. इससे स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को बड़ी सहूलियत होगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

श्रमिकों के लिए यात्रा की सहूलियत

मेट्रो के आगमन से श्रमिक वर्ग को यात्रा में बड़ी सुविधा होगी. वर्तमान में बल्लभगढ़ से पलवल तक की यात्रा में कई चुनौतियाँ हैं. जो मेट्रो के आने से कम हो जाएंगी. इससे दैनिक आवागमन (daily commute) में लगने वाला समय और यात्रा की थकान में कमी आएगी. जिससे श्रमिकों की दिनचर्या में सुधार होगा.