जंगल के ऊपर से होकर गुजरेगा देश का पहला वाइल्डलाइफ कोरिडोर, एक्सप्रेसवे के नीचे से गुजरेंगे जंगली जानवर तो ऊपर से गुजरेगी गाड़ियां
भारत में यातायात और परिवहन के क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है जिसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण है देहरादून इकोनामिक कॉरिडोर। इस परियोजना के तहत एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है जो देहरादून को दिल्ली और अन्य महत्वपूर्ण शहरों से जोड़ेगा। इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 210 किलोमीटर है, जिससे दोनों शहरों के बीच की यात्रा का समय महत्वपूर्ण रूप से कम हो जाएगा।
यात्रा के समय में क्रांतिकारी परिवर्तन
वर्तमान में दोनों शहरों के बीच की 249 किलोमीटर की दूरी को तय करने में लगभग 6 घंटे का समय लगता है। हालांकि एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद यह समय घटकर मात्र 2.30 घंटे रह जाएगा। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि यात्रा का अनुभव भी सुधरेगा।
NHAI की पहल और योजना
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस भव्य परियोजना के लिए 2023 को लक्ष्य वर्ष निर्धारित किया था। इस दिशा में कार्य तेजी से प्रगति पर है और जल्द ही इस कॉरिडोर को खोले जाने की उम्मीद है। इससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लोगों को अधिक लाभ होगा।
क्षेत्रीय विकास में योगदान
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश के 6 जिले मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ और बड़ौत सहित उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार को भी महत्वपूर्ण लाभ होगा। यह कॉरिडोर क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगा और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
पर्यावरण सरक्षण
इस कॉरिडोर का निर्माण पर्यावरणीय संवेदनशीलता के साथ किया जा रहा है। 20 किलोमीटर की एलिवेटेड रोड और 2 किलोमीटर की टनल बनाने के साथ एक विशाल वाइल्डलाइफ कॉरिडोर भी तैयार किया गया है। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना विकास कार्य किया जा सकेगा।
आर्थिक और सामाजिक लाभ
देहरादून इकोनामिक कॉरिडोर के निर्माण से न केवल यातायात में सुधार होगा बल्कि इससे लॉजिस्टिक्स, व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना स्थानीय आबादी के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगी और क्षेत्र की समग्र आर्थिक प्रगति में योगदान देगी।