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भारत में इस रूट पर चलती है देश की सबसे लंबी ट्रेन, इतनी बड़ी ट्रेन को खिंचने के लिए 4 इंजन का होता है इस्तेमाल

भारतीय रेलवे प्रतिवर्ष 10 से 16 अप्रैल के बीच रेलवे सप्ताह मनाता है। इस अवधि का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि 16 अप्रैल 1853 को भारतीय रेलवे की पहली यात्री ट्रेन मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) से ठाणे के बीच चलाई गई थी।
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This is Indias longest train
   

भारतीय रेलवे प्रतिवर्ष 10 से 16 अप्रैल के बीच रेलवे सप्ताह मनाता है। इस अवधि का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि 16 अप्रैल 1853 को भारतीय रेलवे की पहली यात्री ट्रेन मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) से ठाणे के बीच चलाई गई थी। इस घटना को चिह्नित करते हुए यह सप्ताह रेलवे की उपलब्धियों और इतिहास को समर्पित होता है।

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जिसमें देश भर के रेलवे कर्मचारियों की मेहनत और समर्पण का जश्न मनाया जाता है। भारतीय रेलवे ना केवल अपने अतीत को सम्मानित करता है बल्कि निरंतर नवाचार और विकास के माध्यम से भविष्य की ओर अग्रसर रहता है। रेलवे सप्ताह इसी परम्परा और प्रगति का जश्न है जिसे वार्षिक रूप से बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

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शेषनाग

भारतीय रेलवे ने अनेक प्रकार की ट्रेनें चलाई हैं जिनमें से 'शेषनाग' नामक ट्रेन विशेष रूप से उल्लेखनीय है। यह ट्रेन अपनी लंबाई के लिए खास है जो कि 2.8 किलोमीटर है। शेषनाग मूलतः एक मालगाड़ी है जिसने न केवल अपनी लंबाई के लिए बल्कि भारी भरकम सामान ढोने की क्षमता के लिए भी रिकॉर्ड कायम किया है।

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शेषनाग की अनूठी क्षमताएं

2021 में यह देश की सबसे लंबी ट्रेन ने 20 हजार टन से अधिक सामान लेकर दौड़ी थी जिसे एक रिकॉर्ड माना जाता है। इस मालगाड़ी में कुल 251 वैगन शामिल हैं जिनमें विभिन्न प्रकार के सामान को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाया जाता है। इस भारी भरकम ट्रेन को खींचने के लिए 4 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन का उपयोग किया जाता है जो इसकी विशालता और शक्ति को दर्शाता है।

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रेलवे सप्ताह के प्रति उत्साह

रेलवे सप्ताह के दौरान भारतीय रेलवे द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें रेलवे की उपलब्धियों को सराहा जाता है और कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाता है। यह सप्ताह रेलवे के इतिहास को याद करने और उसकी उपलब्धियों को मनाने का अवसर प्रदान करता है। शेषनाग जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे की तकनीकी और परिचालन क्षमता का प्रतीक हैं जिसे देश और दुनिया भर में सराहा जाता है।