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सरकार ने किसान भाइयों को होली से पहले दिया बड़ा तोहफा, कैबिनेट में किया बड़ा ऐलान

7 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक ने देश के अन्नदाताओं के हित में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय फैसला लिया। इस बैठक में जूट के मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) में उल्लेखनीय वृद्धि की गई।
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7 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक ने देश के अन्नदाताओं के हित में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय फैसला लिया। इस बैठक में जूट के मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) में उल्लेखनीय वृद्धि की गई। जो देश के किसानों के लिए एक बड़े तोहफे के रूप में सामने आया है।

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जूट के एमएसपी में वृद्धि

सरकार ने जूट के MSP में 285 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। जिससे इसकी नई MSP 5050 रुपए से बढ़कर 5,335 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इस वृद्धि से निश्चित रूप से जूट की खेती में लगे हुए किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। जो उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के साथ-साथ जूट की खेती को और अधिक प्रोत्साहित करेगा।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का आश्वासन

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में आश्वासन दिया था कि अगर जूट और कपास के बाजार दाम एमएसपी से नीचे आते हैं तो सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदने के लिए तैयार है। इस आश्वासन ने किसानों को एक बड़ी राहत प्रदान की है और उनके मन में बाजार की अनिश्चितताओं के बावजूद एक सुरक्षा की भावना उत्पन्न की है।

भारतीय कृषि क्षेत्र में एमएसपी का महत्व

मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) कृषि उत्पादों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्य होता है। जिससे किसानों को उनकी फसल के उचित दाम मिल सकें। इससे किसानों को मार्केट की अस्थिरता से सुरक्षा मिलती है और उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सकता है।

किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता

इस निर्णय के माध्यम से सरकार ने फिर से यह दर्शाया है कि वह देश के किसानों के हितों के प्रति संवेदनशील और प्रतिबद्ध है। एमएसपी में वृद्धि किसानों को न केवल उनकी फसल का बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करेगी। बल्कि भारतीय कृषि क्षेत्र के विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगी।