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गेंहु किसानों के लिए सरकार ने किया बड़ा ऐलान, 48 घंटो में किसानों के खातों में आएगा MSP का पैसा

लोकसभा चुनावों की चहल-पहल के बीच सरकार ने किसानों और आम जनता के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। गेहूं की खरीद को लेकर सरकार ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे गैर-पारंपरिक राज्यों में इसे सात गुना तक बढ़ाने की योजना पेश की है।
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लोकसभा चुनावों की चहल-पहल के बीच सरकार ने किसानों और आम जनता के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। गेहूं की खरीद को लेकर सरकार ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे गैर-पारंपरिक राज्यों में इसे सात गुना तक बढ़ाने की योजना पेश की है। इससे न सिर्फ किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा बल्कि इससे आम जनता को भी लाभ पहुंचेगा।

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गेहूं खरीद में विस्तार

केंद्रीय सरकार ने 2024-25 विपणन वर्ष के लिए गेहूं की खरीद को 50 लाख टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जो कि पिछले वर्ष के 6.7 लाख टन से कहीं अधिक है। इस वृद्धि से उम्मीद है कि इन राज्यों के किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा और यह सरकार की ओर से उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

न्यूनतम समर्थन मूल्य 

गेहूं की खरीद आमतौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाती है, जिसे सरकार ने चालू वर्ष के लिए 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इससे किसानों को बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने की गारंटी मिलती है।

उत्तर प्रदेश और बिहार

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा का कहना है कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य अपनी क्षमता से कम योगदान दे रहे हैं। इस साल लक्ष्य है कि कुल 310 लाख टन गेहूं खरीदा जाएगा, जिसमें से इन राज्यों से 50 लाख टन की खरीद की जाएगी।

चुनावों के असर से खत्म खरीद 

सरकार ने स्पष्ट किया है कि 2024 के आम चुनावों का गेहूं खरीद कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार का यह कदम खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने की दिशा में उठाया गया है।

किसानों के लिए जल्दी भुगतान और अधिक सुविधाएँ

सरकार ने 48 घंटे के भीतर किसानों को MSP का पैसा उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करने का निश्चय किया है। इसके साथ ही, किसानों के लिए खरीद प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।