फ्री राशन लेने वाले 81 करोड़ लोगों की सरकार ने कर दी मौज, 2028 तक हुआ फ्री राशन का इंतजाम
जैसे ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल अपने समाप्ति के क्षितिज पर होगा। इस कार्यकाल में सरकार ने कई ऐसी योजनाओं की शुरुआत की जिससे करोड़ों भारतीयों को सीधा लाभ हुआ है। इन्हीं पहलों में से एक महत्वपूर्ण योजना है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई)।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार
पिछले वर्ष नवंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार को अपनी मंजूरी दी। यह विस्तार योजना को अगले पांच सालों तक जारी रखने के लिए किया गया है। इसके अंतर्गत सरकारी खजाने पर लगभग 11.8 लाख करोड़ रुपये का भारी खर्च आने वाला है। इस विस्तार की शुरुआत 1 जनवरी 2024 से होगी।
योजना का मूल उद्देश्य और लाभ
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत अप्रैल 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते गरीबों की सहायता के लिए की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को हर महीने 5 किलो अनाज (चावल, गेहूं और मोटा अनाज) मुफ्त में उपलब्ध कराना था। यह योजना शुरू में केवल तीन महीने के लिए लागू की गई थी, लेकिन समय के साथ इसका विस्तार कर दिया गया।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़ी योजना
केंद्र सरकार ने इस अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया है। इस अधिनियम के तहत देश की 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 50 प्रतिशत शहरी आबादी को कवर किया जाता है। जिससे यह सुनिश्चित होता है कि योजना का लाभ व्यापक आबादी तक पहुंचे।
आने वाले चुनाव और योजना का महत्व
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। ऐसी योजनाएं न केवल सरकार की पहल को दर्शाती हैं बल्कि यह भी दिखाती हैं कि कैसे सरकार ने महामारी के दौरान और उसके बाद भी देश के गरीब तबके का सहारा बनने की कोशिश की है। इस योजना का विस्तार न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करता है बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत करता है।