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इन टॉप फसलों की खेती करने पर सरकार दे रही है अच्छी सब्सिडी, जाने कैसे करना होगा आवेदन

सरकार किसानों की आय को बढ़ाना चाहती है। इसके लिए सरकार ने किसानों के लिए कई फायदेमंद योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे वे लाभान्वित हो रहे हैं। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना भी इनमें से एक है।
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_strawberry cultivation, papaya cultivation
   

सरकार किसानों की आय को बढ़ाना चाहती है। इसके लिए सरकार ने किसानों के लिए कई फायदेमंद योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे वे लाभान्वित हो रहे हैं। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना भी इनमें से एक है। इसके तहत फलों की खेती के लिए किसानों को सब्सिडी दी जाती है। यह योजना ड्रेगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी और पपीता की खेती के लिए अनुदान देती है।

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यह योजना किसानों को पपीता, ड्रेगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती करने की अनुमति देती है। बता दें कि राज्य में कई किसान मौसमी फलों के साथ-साथ रबी फसलों की खेती करके अपनी आय बढ़ा रहे हैं। ड्रेगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी और पपीता की मांग बढ़ गई है। इनकी खेती करके किसान अच्छे पैसे कमा सकते हैं।

पपीता की खेती में कितनी सब्सिडी मिलेगी? 

राज्य के किसानों को योजना के तहत 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। राज्य सरकार ने एक हैक्टेयर में पपीते की खेती के लिए 60,000 रुपये की लागत निर्धारित की है। किसानों को इस पर 75% सब्सिडी मिल रही है। इस प्रकार, किसान इस योजना से पपीते की खेती के लिए 45,000 रुपए का अनुदान पा सकते हैं।

ड्रेगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए अनुदान की राशि 

योजना के तहत ड्रेगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए सरकार 40 प्रतिशत सब्सिडी देती है। सरकार ने स्ट्रॉबेरी की खेती पर 1,25,000 रुपये खर्च किए हैं। किसानों को इस पर चालिस प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।

ऐसे में प्रत्येक हैक्टेयर स्ट्रॉबेरी उत्पादन के लिए किसानों को 50,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह ड्रेगन फ्रूट की खेती करना भी 1,25,000 रुपये का खर्च होता है। जिस पर किसानों को चालिस प्रतिशत, या पचास हजार रुपये का अनुदान मिल सकेगा।

पपीता की खेती से कितना हो सकता है लाभ 

25-30 किलो वजन वाले 25–30 पपीता लगभग हर पेड़ से मिलते हैं। 40 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम का पपीता बाजार में मिलता है। एक पेड़ से औसतन 1500 रुपए की कमाई होती है, यदि थोक में 25 से 30 रुपए में भी बेचा जाए। यदि आपने सौ पेड़ भी लगाए हैं, तो आपको लगभग एक लाख रुपये की कमाई हो सकती है।  

स्ट्रॉबेरी की खेती से कितना हो सकता है मुनाफा

यदि इसे सही तरीके से खेती की जाए तो स्ट्रॉबेरी से अच्छा खासा मुनाफा मिल सकता है। एक एकड़ स्ट्रॉबेरी की खेती में लगभग दो से तीन लाख रुपये का खर्च आता है, ऐसा अनुमान है।

उत्पादन प्राप्त होने पर 5 से 6 लाख रुपये का मुनाफा मिलता है। इस प्रकार, एक सीजन में 80 से 100 क्विंटल स्ट्रॉबेरी का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे लगभग 6 लाख से 12 लाख रुपये की कमाई हो सकती है।

ड्रेगन फ्रूट की खेती से होने वाले लाभ 

ड्रेगन फ्रूट की खेती करने से भी आपको अच्छा लाभ मिल सकता है। यह एक एकड़ में खेती करने का शुरुआती खर्च लगभग ढाई से तीन लाख रुपए है। 25 वर्ष तक इसका पेड़ पैदावार देता है।

इसकी खेती से प्रति एकड़ लगभग 10 टन ड्रेगन फ्रूट की पैदावार मिल सकती है। बाजार में इसे बेचने पर आपको लगभग 6 से 7 लाख रुपए का लाभ मिल सकता है।

आवेदन के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी? 

यदि आप एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत पपीता, स्ट्रॉबेरी व ड्रेगन फ्रूट की खेती के लिए सब्सिडी हेतु आवेदन करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए कुछ दस्तावेजों (documents) की आवश्यकता होगी। वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं-

  • किसान का भू स्वामित्व प्रमाण-पत्र
  • स्थाई निवासी प्रमाण-पत्र
  • लाभार्थी के पास सिंचाई के साधन के दस्तावेज
  • आधार कार्ड एवं आधार लिंक मोबाइल नंबर
  • बैंकपास बुक की कॉपी
  • आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो
  • लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र, यदि लागू होता है।

ड्रेगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी और पपीता की खेती के लिए आवेदन कैसे करें 

बिहार में आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। राज्य के किसानों के लिए यह योजना बिहार सरकार की ओर से ही चलाई जा रही है। आप ड्रेगन फ्रूट, पपीता और स्ट्रबेरी की खेती के लिए सरकारी सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं तो आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

राज्य के किसान https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, आप इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान विभाग से संपर्क कर सकते हैं।