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इस राज्य में कुंवारों को भी हर महीने पेन्शन देगी सरकार, इस राज्य ने की कमाल की घोषणा

भारत में शादी का महत्व किसी से छुपा नहीं है। शादी को न केवल दो व्यक्तियों का मिलन माना जाता है, बल्कि दो परिवारों का संगम भी समझा जाता है।
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भारत में शादी का महत्व किसी से छुपा नहीं है। शादी को न केवल दो व्यक्तियों का मिलन माना जाता है, बल्कि दो परिवारों का संगम भी समझा जाता है। समाज में आम तौर पर यह माना जाता है कि एक निश्चित उम्र के बाद व्यक्ति को शादी कर लेनी चाहिए।

इसके लिए 25 से 30 वर्ष की उम्र को आदर्श माना जाता है। हालांकि, जीवन में विभिन्न कारणों से कुछ लोग इस उम्र में शादी नहीं कर पाते। इस लेख में हम ऐसे ही एक अनोखे पहलू पर प्रकाश डालेंगे जहां शादी न करने वालों को एक विशेष सहायता प्रदान की जा रही है।

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हरियाणा की अनूठी पहल

हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक अनूठी पहल की घोषणा की है। इस पहल के अंतर्गत, राज्य के 45 से 60 वर्ष की आयु वाले उन पुरुष और महिलाओं को, जिन्होंने शादी नहीं की है, 2750 रुपये की मासिक पेंशन दी जाएगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को समर्थन प्रदान करना है जो किसी कारणवश शादी नहीं कर पाए हैं।

लाभार्थियों की संख्या

इस योजना से हरियाणा में लगभग 71,000 लोगों को लाभ मिलने की संभावना है। राज्य सरकार इस योजना पर सालाना 240 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस पहल को समाज में व्याप्त विविध समस्याओं के एक समाधान के रूप में देखा जा सकता है।

शादी में बाधा के कारण

हरियाणा में शादी न होने की प्रमुख वजह खराब लिंगानुपात है। पिछले कुछ वर्षों में, राज्य सरकार और कई गैर-सरकारी संगठनों ने लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए विभिन्न जागरुकता अभियान चलाए हैं। ये अभियान लोगों को यह समझाने के लिए कि बेटा और बेटी एक समान होते हैं और उनमें भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।

सामाजिक बदलाव की ओर

हरियाणा सरकार की यह पहल न केवल उन लोगों के लिए एक सहारा है जिन्होंने शादी नहीं की, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी देती है कि व्यक्ति की व्यक्तिगत पसंद का सम्मान किया जाना चाहिए। यह योजना समाज में एक नई सोच की ओर इशारा करती है जहां हर व्यक्ति को उसकी जीवन शैली के लिए समर्थन और सम्मान मिले। इस तरह की पहल से न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुधार होगा बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक बदलाव आएगा।