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सरकार अब 29 रुपए प्रति किलो के रेट से बेचेगी ये खास चावल, क्वालिटी में बड़े बड़े ब्रांड्स को देता है मात

सरकार ने अगले सप्ताह से खुदरा बाजार में 29 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 'भारत चावल' (Bharat Rice) बेचने का निर्णय लिया है। यह कदम कीमतों को नियंत्रित करने (Price Control) के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।
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सरकार ने अगले सप्ताह से खुदरा बाजार (Retail Market) में 29 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 'भारत चावल' (Bharat Rice) बेचने का निर्णय लिया है। यह कदम कीमतों को नियंत्रित करने (Price Control) के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। इसके साथ ही, व्यापारियों को चावल के भंडारण (Rice Storage) की साप्ताहिक जानकारी देने का निर्देश भी दिया गया है। 

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सरकार का यह कदम चावल की बढ़ती कीमतों के बीच उपभोक्ताओं को बड़ी राहत प्रदान करेगा। 'भारत चावल', 'भारत आटा', और 'भारत दाल' जैसे उत्पादों की पेशकश से आम जनता को अधिक विकल्प और बेहतर मूल्य पर आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध होगी।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए इन उत्पादों की उपलब्धता से खरीदारी में आसानी होगी, और यह सुनिश्चित होगा कि उपभोक्ताओं तक सरकारी पहल का लाभ पहुंचे।

कीमतों में वृद्धि का मुकाबला

केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा (Food Secretary Sanjeev Chopra) ने बताया कि विभिन्न किस्मों के चावल पर निर्यात पाबंदियों (Export Restrictions) के बावजूद, पिछले एक साल में चावल की खुदरा और थोक कीमतों में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

नैफेड और एनसीसीएफ के साथ सहयोग

सरकार ने नैफेड (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) के साथ मिलकर खुदरा बाजार में रियायती 'भारत चावल' की बिक्री का निर्णय लिया है।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भारत राइस

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स (E-Commerce Platforms) पर भी 'भारत राइस' की बिक्री होगी। उपभोक्ता अगले सप्ताह से पांच और दस किलोग्राम के पैकेट (5kg and 10kg Packets) में इसे खरीद सकेंगे।

सरकारी उत्पादों का विस्तार

सरकार पहले ही 'भारत आटा' (Bharat Flour) और 'भारत दाल' (Bharat Pulses) को बाजार में बेच रही है, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ते में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध हो सकें।

निर्यात पाबंदियों पर स्थिति स्पष्ट

सरकार ने स्पष्ट किया है कि चावल निर्यात पर पाबंदियां (Rice Export Bans) हटाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है, इससे बाजार में फैली अफवाहों (Rumors) को खत्म करने की कोशिश की गई है।