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कार के टायरों पर लिखे नंबरों का भी होता है खास मतलब, जाने गाड़ी का टायर बदले का कैसे पता चलता है

हम अक्सर देखा है कि हमारी कार के टायरों पर कुछ संख्या लिखी हुई हैं। जैसे टायर पर 195/55 R16 87 V नंबर लिखा है। वास्तव में, इन आंकड़े क्या बताते हैं? जब आप आम कार के टायर बदलते हैं...
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How to Read Car Tyre Size details in hindi (1)
   

हम अक्सर देखा है कि हमारी कार के टायरों पर कुछ संख्या लिखी हुई हैं। जैसे टायर पर 195/55 R16 87 V नंबर लिखा है। वास्तव में, इन आंकड़े क्या बताते हैं? जब आप आम कार के टायर बदलते हैं, तो आपको पता चलेगा कि विक्रेता इसी संख्या को देखकर नए टायर लगाता है। साथ ही, हमेशा टायर बदलवाने का सही समय क्या है? कब कार के टायर बदलने चाहिए? आइए इन सवालों का उत्तर इस खबर में खोजें।

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टायर नंबर से पता चलता है उसकी चौड़ाई और लोड क्षमता

टायर मार्केट में दिल्ली के एसपी मुखर्जी मार्ग पर स्थित साहिब सिंह कालरा बताते हैं कि किसी टायर का नंबर 195/55 R16 87 V है। इसलिए पहला नंबर 195 टायर की चौड़ाई का है। मिलीमीटर में इसकी चौड़ाई मापी जाती है।

जैसे, उक्त संख्या वाले टायर की चौड़ाई 195 मिमी होगी। नंबर 55 टायर का एक्सपेक्ट रेशियो है, यानी टायर की ऊंचाई। फिर R टायर रेडियल है। साहिब सिंह कहते हैं कि D लिखा हुआ टायर डायगोनल है। टायर के नंबर के आगे नंबर 16 पर उसका रिम डायमीटर लिखा है।

बाद में 87 बताता है कि टायर कितना भार सह सकता है। टायर पर V लिखा है, जो 240 km/h तक चल सकता है। यदि लास्ट में N है, तो वह 140 km/h की टॉप स्पीड प्राप्त कर सकता है।

टायर की उम्र 50000 km

आपकी ड्राइविंग स्किल्स टायर की उम्र निर्धारित करती हैं। रैश ड्राइविंग बहुत आम है। बार-बार झटके से ब्रेक लगाने से टायर जल्दी घिस जाते हैं क्योंकि दबाव उन पर बना रहता है। एक्सपर्ट का कहना है कि कार में चार से पांच हजार किलोमीटर या तीन से पांच साल के भीतर टायर बदलवा लेना चाहिए।

इसके अलावा, अगर टायर तेजी से पंचर होते हैं, तो टायर बदलना ही बेहतर है। जानकारी के अनुसार, कार खड़ी रहने और कम चलने पर भी टायरों में दरारें आती हैं।

कार एलाइनमेंट

टायर पुराने होने पर कार चलाते हुए स्टीयरिंग में कंपन और कार एक तरफ भागने की शिकायत होती है। इस परिस्थिति में हमें कार की एलाइनमेंट तुरंत करनी चाहिए। टायरों को रोटेट करना भी संभव है। कार चलते हुए अनबैलेंस हो जाता है क्योंकि इसके अलावार बारीक पंचर हो जाते हैं।

नाइट्रोजन हवा 

कई लोग इस बात को लेकर भी कन्फ्यूज रहते हैं कि टायरों में सामान्य हवा भरवाएं या नाइट्रोजन। बता दें दोनों के अपने फायदे हैं। नाइट्रोजन गर्मियों में टायरों को ठंडा रखने में मदद करती है। वहीं, सामान्य हवा हमें नाइट्रोजन के मुकाबले फ्री और आसानी से मिल जाती है।