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एकमात्र ऐसा स्टेशन जहां टिकट तो लेते है लोग पर नही करते सफर, जाने क्या है इसके पीछे का कारण

भारतीय रेलवे के अनगिनत खूबसूरत स्टेशनों की सूची में एक नाम जो विशेष तौर पर आपका ध्यान खींच सकता है वह है दयालपुर रेलवे स्टेशन।
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भारतीय रेलवे के अनगिनत खूबसूरत स्टेशनों की सूची में एक नाम जो विशेष तौर पर आपका ध्यान खींच सकता है वह है दयालपुर रेलवे स्टेशन। यह स्टेशन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित है और इसकी कहानी बेहद अनोखी है। इस स्टेशन पर लोग यात्रा किए बिना भी टिकट खरीदते हैं जो सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन इसके पीछे की वजह बेहद दिलचस्प है।

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दयालपुर रेलवे स्टेशन की अनोखी परंपरा

दयालपुर रेलवे स्टेशन का निर्माण 1954 में हुआ था और इसके पीछे पंडित जवाहरलाल नेहरू का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। स्टेशन ने लगभग 50 वर्षों तक सेवाएं प्रदान कीं लेकिन 2006 में इसे बंद कर दिया गया क्योंकि यहां यात्री संख्या काफी कम थी और रेलवे को घाटा हो रहा था।

बाद में 2020 में स्थानीय जनता की मांग पर इसे पुनः खोला गया। आश्चर्यजनक रूप से लोग इस स्टेशन के पुनर्जीवित होने की खुशी में टिकट खरीदते हैं भले ही वे यात्रा न करें। यह उनका तरीका है स्टेशन को बंद होने से बचाने का।

टिकट खरीदने की अनोखी प्रथा का महत्व

इस अनोखी प्रथा के पीछे मुख्य विचार यह है कि स्टेशन का आर्थिक समर्थन किया जा सके। स्थानीय लोग इस स्टेशन को एक सामाजिक केंद्र के रूप में देखते हैं जो उनके लिए न केवल यात्रा का माध्यम है बल्कि उनके इतिहास और सामाजिक जीवन का एक हिस्सा भी है। इसलिए वे टिकट खरीदकर अपनी ओर से इसे चालू रखने में योगदान देते हैं।

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दयालपुर रेलवे स्टेशन का भविष्य

दयालपुर रेलवे स्टेशन की यह अद्वितीय परंपरा न केवल उसे आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे सामुदायिक सहयोग से स्थानीय विरासत को संरक्षित किया जा सकता है। यह उम्मीद की जाती है कि यह स्टेशन आने वाले वर्षों में भी अपनी इस अनोखी पहचान को बरकरार रखेगा और आगे भी लोगों के सहयोग से यह स्टेशन चालू रहेगा।