बिना पढ़े लिखे एग्जाम देने पहुंचे स्टूडेंट ने आंसर शीट में भर डाले नोट ही नोट, जब टीचर की नजर पड़ी तो उड़े होश
इस देश में रिश्वत देने वालों और घूस लेने वालों की कमी नहीं है। ऐसे लोगों को अपने आसपास आसानी से काम से निकालने के लिए घूस देते हैं। कई लोगों को अपनी इस करतूत की प्रशंसा ऐसी लगती है जैसे उन्होंने बहुत बड़ा साहसिक काम किया हो।
सरकार की इतनी सख्ती के बावजूद कुछ लोग चोरी-छिपके रिश्वत और घूस लेते दिखाई देते हैं। आज बच्चे भी इस अपराध को अंजाम देने लगे हैं, बड़े तो बड़े। तुम सही सुन रहे हो। बच्चे भी रिश्वत लेकर काम करने लगे हैं। किस बच्चे को बोर्ड एग्जाम का डर नहीं है?
हर बच्चा बोर्ड टेस्ट से दुखी है। अपने डर को कम करने के लिए कुछ बच्चे जीतोड़ पढ़ाई करते हैं। जबकि कुछ बच्चे धोखाधड़ी करते हैं। एक आईपीएस अधिकारी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक फोटो पोस्ट की है।
इस चित्र में 100, 200 और 500 के कुछ नोट दिखाई देते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ये नोट एक बच्चे ने बोर्ड एग्जाम की शीट में रिश्वत के तौर पर रखे थे, ताकि शिक्षक लोभ में आकर उसे पास कर दे सके।
पासिंग मार्क्स देने की अपील
IPS ऑफिसर अरुण बोथरा (@arunbothra) ने पहले ट्विटर पर इस तस्वीर को शेयर किया है। उनका कहना था कि एक शिक्षक ने उन्हें यह चित्र भेजा था। छात्र ने इन नोटों को आंसर शीट पर रखा था ताकि शिक्षक उसे पासिंग मार्क्स देकर पास कर दें, जैसा कि बोर्ड परीक्षा में हुआ है।
बोथरा ने कैप्शन में कहा, 'ये हमारे विद्यार्थियों, शिक्षकों और शिक्षण प्रणाली के बारे में बहुत कुछ बताता है।इससे पहले भी किसी बच्चे ने शिक्षक को पासिंग मार्क्स देने के लिए रिश्वत की पेशकश की है। ऐसे मामले पहले भी हुए हैं।
Pic sent by a teacher. These notes were kept inside answer sheets of a board exam by students with request to give them passing marks.
— Arun Bothra 🇮🇳 (@arunbothra) August 21, 2023
Tells a lot about our students, teachers and the entire educational system. pic.twitter.com/eV76KMAI4a
यूजर्स ने की इस कृत्य की निंदा
अरुण बोथरा द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर पर कई यूजर्स ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। एक यूजर ने कहा, 'पैसों से सब कुछ खरीदा जा सकता है। ये विचार बचपन में ही विकसित हुए हैं।जबकि एक अन्य उपयोगकर्ता ने लिखा, "इस करतूत का एजुकेशन सिस्टम से कोई लेना-देना नहीं है।"
इन बच्चों में या तो लड़कियां हैं या दूरदराज के क्षेत्रों से आए विद्यार्थी हैं, जो बस अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं। वास्तव में, ये लोग शिक्षा से अपना भविष्य नहीं देखते।"