इस जगह पर बनाई गई थी दुनिया की पहली गगनचुंबी इमारत, उस टाइम में कैसे बनाई गई थी इतनी ऊंची इमारत
दुनिया भर में गगनचुंबी इमारतों का निर्माण अब एक सामान्य दृश्य बन चुका है। जहां दुबई का बुर्ज खलीफा इस वर्ग में सबसे ऊँची इमारत के रूप में प्रसिद्ध है वहीं, दुनिया की पहली स्काईस्क्रैपर इमारत का इतिहास बहुत कम लोग जानते हैं। बुर्ज खलीफा न केवल एक आवासीय और व्यावसायिक केंद्र है बल्कि यह नई तकनीकी का एक खास उदाहरण भी है।
प्राचीन समय की इमारतें
गगनचुंबी इमारतों के निर्माण का इतिहास प्राचीन काल से ही रहा है। यमन के शिबम शहर में 13वीं सदी में निर्मित दस मंजिला मिट्टी की ईंटों से बनी इमारतें और इटली के सैन गिमिग्नानो में 15वीं सदी से पहले बने दो सौ फुट ऊंचे टावर प्राचीन वास्तुकला की एक बड़ी उपलब्धियां हैं।
आधुनिक स्काईस्क्रैपर की उत्पत्ति
आधुनिक स्काईस्क्रैपर की परिकल्पना 19वीं सदी के अंत में अमेरिका में हुई जब शहरीकरण की आवश्यकता ने ऊँची इमारतों के निर्माण को प्रोत्साहित किया। इसका प्रयोग सबसे पहले शिकागो में हुआ जहां 1885 में होम इंश्योरेंस बिल्डिंग का निर्माण हुआ जो स्टील के स्तंभों और बीमों का उपयोग करके बनाई गई थी। इसे वास्तुकार विलियम ले बैरन जेनी ने डिजाइन किया था और यह आधुनिक स्काईस्क्रैपरों के निर्माण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम था।
वास्तुशिल्प में क्रांति
होम इंश्योरेंस बिल्डिंग का निर्माण मोटी भार वहन करने वाली दीवारों की बजाय पतली दीवारों के साथ किया गया था जिससे यह भवन अधिक ऊंचा और हल्का बन सका। इस नई तकनीक से न केवल वास्तुकला में नई संभावनाओं बनी बल्कि इसने भविष्य के गगनचुंबी इमारतों के लिए एक मानक भी स्थापित किया।
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आधुनिक समय में गगनचुंबी इमारतों का असर
आज गगनचुंबी इमारतें न केवल शहरी आकाश की सीमाएं बढ़ा रही हैं बल्कि वे आर्थिक और सामाजिक प्रगति के प्रतीक के रूप में भी स्थापित हो चुकी हैं। ये इमारतें नए युग के वास्तुशिल्प विचारों और टिकाऊ निर्माण प्रथाओं को दर्शाती हैं और इन्होंने वैश्विक स्तर पर शहरी जीवनशैली में क्रांति ला दी है। यह सब उस पहली इमारत से शुरू हुआ था जो शिकागो में बनी थी और आज यह वैश्विक प्रवृत्ति बन चुकी है।