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ट्रेन के जनरल डिब्बे में तो 3 गेट होते है फिर AC और स्लीपर में 2 गेट क्यों? होशियार लोग भी नही जानते इसके पीछे का असली कारण

भारतीय रेलवे (Indian Railways) में यात्रा करते समय अक्सर हमने देखा है कि जनरल (General Coach) और रिजर्वेड कोच (Reserved Coach) जैसे कि एसी (AC) और स्लीपर (Sleeper) में दरवाजों की संख्या में अंतर होता है।
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ट्रेन के जनरल कोच में 3 तो AC और स्लीपर में 2 गेट क्यों? कम लोग जानते हैं रेलवे का ये राज
   

भारतीय रेलवे (Indian Railways) में यात्रा करते समय अक्सर हमने देखा है कि जनरल (General Coach) और रिजर्वेड कोच (Reserved Coach) जैसे कि एसी (AC) और स्लीपर (Sleeper) में दरवाजों की संख्या में अंतर होता है। यह बात कई बार यात्रियों के मन में जिज्ञासा का विषय बन जाती है।

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जनरल कोच में तीन दरवाजे क्यों?

रांची रेल मंडल के सीनियर डीसीएम निशांत कुमार (Senior DCM Nishant Kumar) के अनुसार, जनरल डिब्बों में तीन दरवाजे (Three Doors) इसलिए रखे जाते हैं क्योंकि इन डिब्बों में अक्सर सीटों की सख्या (Seat Capacity) से अधिक यात्री सफर करते हैं। इससे यात्रियों को चढ़ने और उतरने में आसानी होती है और भीड़भाड़ (Crowding) में कमी आती है।

रिजर्वेड कोच में सीमित दरवाजे

वहीं एसी और स्लीपर कोच में दो दरवाजे (Two Doors) होने का कारण यह है कि इनमें रिजर्वेशन (Reservation) के माध्यम से यात्रा करने वाले यात्री होते हैं जिससे भीड़ कम होती है और धक्का-मुक्की की समस्या नहीं होती।

स्पेस और सीटों की वृद्धि

निशांत कुमार ने आगे बताया कि एसी और स्लीपर कोच में दो दरवाजे होने से कोच में अधिक जगह (More Space) मिलती है और सीटों की संख्या (Seat Number) भी बढ़ जाती है जिससे अधिक यात्री रिजर्वेशन का लाभ उठा सकते हैं।

यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का ध्यान

इस प्रकार, भारतीय रेलवे द्वारा जनरल और रिजर्वेड कोच में दरवाजों की संख्या में अंतर रखने का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुविधा (Comfort) और सुरक्षा (Safety) को सुनिश्चित करना है। यह व्यवस्था न केवल यात्रा को सुगम बनाती है बल्कि आपात स्थितियों (Emergency Situations) में भी यात्रियों के लिए सहायक साबित होती है।