लेट शादी करने के भी होते है ये तगड़े फायदे, इनको जानकर तो आप भी मचल उठेंगे
benefits of getting married in your 30: भारत में शादी की कानूनी उम्र भले ही लड़कों के लिए 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल निर्धारित की गई हो परंतु आधुनिक समय और बदलती सोच के साथ युवाओं की विवाह को लेकर प्राथमिकताएँ भी बदल रही हैं. आज के युवा अब शादी के लिए जल्दबाजी में नहीं रहते बल्कि वे उम्र के तीसरे दशक में प्रवेश करने के बाद ही विवाह के बंधन में बंधना उचित समझते हैं.
विवाह के लिए सही उम्र
पहले के समय में जहाँ जल्दी विवाह करने को आपसी समझ और रिश्ते में परिपक्वता बढ़ाने का साधन माना जाता था, वहीं आज के युवा इसे नकार रहे हैं. वे मानते हैं कि विवाह के लिए 30 की उम्र अधिक उपयुक्त है, क्योंकि इस उम्र तक पहुँचते-पहुँचते व्यक्ति न केवल करियर में स्थिर हो जाता है, बल्कि वित्तीय और भावनात्मक रूप से भी अधिक सुदृढ़ हो जाता है.
30 की उम्र का फायदा
जब युवा 23-24 की उम्र में विवाह कर लेते हैं, तो अक्सर वे आर्थिक रूप से स्थिर नहीं होते हैं. इस उम्र में वे अभी भी करियर में स्थिरता और वित्तीय सफलता की ओर अग्रसर होते हैं. इसके विपरीत, 30 की उम्र तक पहुँचने पर अधिकांश लोग अपने करियर में स्थिर हो जाते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, जो विवाह जैसे जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय में सहायक होती है.
मानसिक परिपक्वता और जिम्मेदारी की समझ
उम्र के साथ मानसिक परिपक्वता भी आती है. 30 साल की उम्र तक व्यक्ति अधिक परिपक्व, जिम्मेदार और समझदार हो जाता है, जिससे वह वैवाहिक जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर सकता है. इस उम्र में विवाह करने से दोनों पार्टनर एक-दूसरे की भावनाओं को बेहतर समझते हैं और संबंधों में गहराई और समझदारी आती है.
पारिवारिक दबाव से मुक्ति
शादी की उम्र बढ़ने के साथ ही पारिवारिक दबाव कम हो जाता है. जहाँ युवाओं पर शादी के तुरंत बाद परिवार शुरू करने का दबाव होता है, वहीं 30 की उम्र में विवाहित जोड़े अपनी परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने में स्वतंत्र होते हैं. इससे वे अपने जीवन के अन्य लक्ष्यों को भी संतुलित रूप से पूरा कर सकते हैं.