बिजली के तारों में तो करंट होता है फिर पक्षियों को क्यों नही लगता करंट, मजेदार वजह बहुत कम लोग ही जानते है
हमारी दैनिक जिंदगी में कई ऐसी घटनाएँ होती हैं जिन्हें हम देखते तो हैं लेकिन उनके पीछे के तथ्यों से अनजान रहते हैं। इन्हीं में से एक है चिड़िया का तार पर बैठना। आइए इसके पीछे के रहस्य को आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं।
हमारी दैनिक जिंदगी में कई ऐसी घटनाएँ होती हैं जिन्हें हम देखते तो हैं लेकिन उनके पीछे के तथ्यों से अनजान रहते हैं। इन्हीं में से एक है चिड़िया का तार पर बैठना। आइए इसके पीछे के रहस्य को आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं।
चिड़िया और हाई वोल्टेज तार
आपने अक्सर देखा होगा कि चिड़ियाँ बिना किसी डर के हाई वोल्टेज तारों पर बैठी होती हैं लेकिन इंसान अगर गलती से भी तार को छू ले तो उसे तेज करंट लग जाता है।
बिजली के प्रवाह की बुनियादी समझ
बिजली का प्रवाह एक मीडियम से दूसरे मीडियम में होता है, और यह उस रास्ते का अनुसरण करती है जहाँ उसे सबसे कम प्रतिरोध मिले। तांबे के तार इसलिए इस्तेमाल किए जाते हैं क्योंकि वे बिजली के अच्छे कंडक्टर होते हैं और प्रतिरोध कम प्रदान करते हैं।
चिड़िया और तार
चिड़िया के तार पर बैठने का मुख्य कारण यह है कि जब तक वे किसी दूसरे वस्तु के संपर्क में नहीं आती जिससे धरती के साथ एक संपर्क पूरा हो तब तक उन्हें करंट नहीं लगता। चिड़िया के शरीर में कोई ऐसी कोशिकाएं या ऊतक नहीं होते जो बिजली के प्रवाह को प्रभावित कर सकें।
करंट लगने की शर्त
करंट लगने की मुख्य शर्त है कि एक सर्किट पूरा होना चाहिए। चिड़िया तब तक सुरक्षित होती है जब तक वह केवल तार पर ही बैठी हो और उसका शरीर किसी भी अन्य वस्तु से संपर्क में न हो जो धरती से जुड़ी हो। इसी कारण से, चिड़िया तारों पर सुरक्षित रहती है जबकि इंसान जमीन के संपर्क में आने पर करंट का शिकार हो जाता है।