यूपी के इन 30 जिलों के गर्मी दिखायेगी अपने असली तेवर, जाने बारिश को लेकर ताजा अपडेट
उत्तर प्रदेश में इन दिनों मौसम ने अपना रुख कड़ी धूप की ओर कर लिया है। बीते कुछ दिनों में मौसम में आये बदलाव के बाद अब तेज गर्मी पड़ने लगी है। मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो 1 मई तक राज्य में हीटवेव चलने की आशंका है। जिसके चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश के 30 से अधिक जिलों में लू के थपेड़ों की चेतावनी दी गई है।
यह कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में गर्मी का यह दौर न सिर्फ एक प्राकृतिक चुनौती है। बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि मौसम की तीव्रता से निपटने के लिए किस प्रकार की तैयारियाँ और सावधानियाँ जरूरी हैं।
ये भी पढ़िए :- ATM से कोई कटा फटा नोट निकल जाए तो क्या होगा, जाने बैंक से बदलवाने का क्या है नियम
दिन हो या रात गर्मी का साया
दिन के समय तो सूर्य अपनी पूरी ताकत से तपिश बिखेर रहा है, लेकिन इस हीटवेव का असर रात के तापमान पर भी पड़ रहा है। जिसके चलते रात में भी लोगों को चैन की नींद नहीं मिल पा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति में घरों में कूलर और एयर कंडीशनर का उपयोग बढ़ जाता है। जिससे बिजली की खपत में भी इजाफा होता है।
जिलों पर हीटवेव का असर
खैरी, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर जैसे जिले जो पहले से ही अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण गर्मी की मार झेलते रहे हैं। इस बार भी हीटवेव की चपेट में हैं।
लखनऊ मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जो स्थानीय लोगों को अधिक सतर्क रहने की सलाह देता है।
तापमान की मार से शहरों का हाल
विभिन्न शहरों में तापमान का स्तर अलग-अलग है। लखनऊ में जहां अधिकतम तापमान 39.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। वहीं हरदोई में यह 40.2 डिग्री दर्ज किया गया।
ऐसे में कानपुर और लखीमपुर खीरी जैसे शहर भी गर्मी की गिरफ्त में हैं। इस बढ़ते हुए तापमान से आम जनजीवन पर असर पड़ रहा है, विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों पर।
ये भी पढ़िए :- बिहार के इस हिल स्टेशन के खूबसूरती के आगे फैल है शिमला मनाली, कम खर्चे में हो जाएगी यादगार ट्रिप
आने वाले दिनों मे चुनौतियाँ और सावधानियाँ
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, धूप से बचने के लिए सिर पर कपड़ा या टोपी पहन कर रखे और घर से बाहर निकलने का समय अगर संभव हो तो शाम या सुबह के ठंडे समय को चुनें।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अगर स्थिति और बिगड़ी तो सरकार को चाहिए कि वह आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय रखे और गर्मी से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए।